नई दिल्ली, 3 अक्टूबर : भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने शुक्रवार को बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के जवाबी हमलों में पाकिस्तान के 12 से 13 सैन्य विमान, जिनमें अमेरिकी एफ-16 और चीनी जेएफ-17 शामिल हैं, या तो नष्ट हो गए या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए। वायुसेना दिवस से ठीक पहले आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि भारतीय हमलों में पाकिस्तानी सैन्य ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचा, जिसमें रडार, रनवे, कमांड सेंटर और हैंगर शामिल हैं।
ऑपरेशन सिंदूर: एक नज़र में नुकसान का आकलन
एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और खुफिया रिपोर्टों के अनुसार:
3 हैंगर नष्ट/क्षतिग्रस्त
4 स्थानों पर रडार सिस्टम ध्वस्त
2 कमांड और कंट्रोल सेंटर तबाह
2 रनवे निशाना बने
1 C-130 श्रेणी का विमान प्रभावित
1 एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग सिस्टम को नुकसान
5 से अधिक फाइटर जेट क्षतिग्रस्त, जिनमें एफ-16 और जेएफ-17 शामिल
यह पहली बार है जब भारतीय वायुसेना ने एफ-16 को निशाना बनाए जाने की सार्वजनिक पुष्टि की है।
पाकिस्तान के दावे “मनोहर कहानियाँ”: वायुसेना प्रमुख का व्यंग्य
पाकिस्तान की ओर से भारत को कथित नुकसान पहुंचाने के दावों पर वायुसेना प्रमुख ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा: “उन्हें खुश रहने दीजिए। उन्हें अपनी जनता को कुछ तो दिखाना है। अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने मेरे 15 जेट गिरा दिए, तो मानने दीजिए। जब वे अगली बार लड़ने आएंगे, तो सोचेंगे कि मेरे पास 15 विमान कम हैं।”
उन्होंने पूछा, “क्या आपने भारत के किसी एयरबेस पर गिरे बम की एक भी तस्वीर देखी है? कोई नष्ट हुआ हैंगर? हमने तो उनकी तस्वीरें दिखाई हैं, लेकिन वे एक भी सबूत नहीं दे सके।”
भविष्य की तैयारी: रोडमैप 2047 और स्वदेशी रक्षा प्रणाली
एयर चीफ मार्शल सिंह ने यह भी बताया कि वायुसेना ने ‘रोडमैप 2047’ के तहत अपनी लड़ाकू क्षमता को अगले दो दशकों में विस्तार देने की योजना बनाई है। इसके तहत: हर वर्ष 35-40 नए लड़ाकू विमानों की जरूरत स्वदेशी हवाई रक्षा प्रणाली “सुदर्शन चक्र” पर काम शुरू , एस-400 मिसाइल सिस्टम के अतिरिक्त बैच पर विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को घोषित स्वदेशी रक्षा प्रणाली परियोजना के तहत तीनों सेनाओं ने ‘सुदर्शन चक्र’ विकसित करने की दिशा में संयुक्त प्रयास शुरू कर दिए हैं।
भारत का सटीक और लंबी दूरी तक हमला करने का संदेश
वायुसेना प्रमुख ने साफ किया कि भारतीय वायुसेना 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम है और वह दुश्मन के आतंकी ठिकानों को भीतर तक घुसकर सटीकता से निशाना बना सकती है।
