कानपुर (उप्र), चार नवंबर : कानपुर में पूर्व में तैनात रहे पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) ऋषिकांत शुक्ला को एसआईटी जांच में लगभग 100 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति कथित तौर पर होने के खुलासे के बाद सतर्कता जांच शुरू होने पर निलंबित कर दिया गया है। यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी। शुक्ला वर्तमान में मैनपुरी जिले में पुलिस क्षेत्राधिकारी (भोगांव) के पद पर कार्यरत हैं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुक्ला को सोमवार को निलंबित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) की तफ्तीश में शुक्ला के पैन कार्ड से संबंधित कम से कम 12 संपत्तियों का पता लगा है जिनकी कीमत लगभग 92 करोड़ रुपये आंकी गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कुछ बेनामी संपत्तियों के बारे में भी जानकारी मिली है और इसे भी जोड़ें तो उसकी कुल संपत्ति 100 करोड़ रुपये से अधिक हो जाती है।
उन्होंने बताया कि एसआईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 1998 से 2009 के बीच कानपुर में अपने कार्यकाल के दौरान शुक्ला के वकील से गैंगस्टर बने अखिलेश दुबे के साथ घनिष्ठ संबंध थे। उन्होंने कहा कि माना जाता है कि दुबे फर्जी मुकदमे, जबरन वसूली और जमीन हड़पने का गिरोह चला रहा था।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक शुक्ला ने अपने पद और अपने रसूख का इस्तेमाल रिश्तेदारों के नाम पर बेनामी संपत्ति अर्जित करने और आर्यनगर इलाके में 11 दुकानों सहित अन्य संपत्तियां छुपाने के लिए किया।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) आशुतोष कुमार ने शुक्ला के निलंबन और उनके खिलाफ पूर्ण सतर्कता जांच की औपचारिक शुरुआत की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि मामला आगे की विभागीय कार्रवाई के लिए पुलिस महानिदेशक मुख्यालय भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि गृह सचिव जगदीश ने सोमवार को प्रमुख सचिव (सतर्कता) को पूरी जांच के आदेश देने के लिए एक अनुरोध पत्र लिखा है और मामले को आगे की विभागीय कार्रवाई के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक मुख्यालय को भेज दिया गया है।
