एसआईआर देशवासियों के खिलाफ बड़ी साजिश : अखिलेश यादव

भाजपा का पलटवार—“भ्रम फैलाने की कोशिश विफल होगी”

लखनऊ, 28 नवंबर।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर केंद्र और भाजपा सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने इसे “देशवासियों के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश” बताते हुए दावा किया कि यह प्रक्रिया लोगों को लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित करने की दिशा में ले जा सकती है।

अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को ‘एक्स’ पर 20 सेकंड का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, “यह लोकतंत्र के साथ धोखाधड़ी है। जनता जागरूक हो। आज वोट काटा जा रहा है, कल खेत-जमीन, मकान, राशन, जाति और आरक्षण से नाम काटा जाएगा। फिर बात खातों और मध्यम वर्ग के लॉकर तक पहुंचेगी।”

उन्होंने कहा कि यह स्थिति देश को “अंग्रेजों की गुलामी से भी बदतर” परिस्थिति में ले जाने की साजिश है। यादव ने सभी विपक्षी दलों के साथ—यहां तक कि एनडीए के घटक दलों से भी—एकजुट होकर भाजपा की “महा-षड्यंत्रकारी” नीति का पर्दाफाश करने की अपील की। उनका आरोप है कि भाजपा अपने सहयोगियों को भी अंततः राजनीतिक रूप से समाप्त कर देगी।

अखिलेश यादव ने दावा किया कि भाजपा सरकार, उसके “संगी-साथी” और चुनाव आयोग के कथित भ्रष्ट तत्व मिलकर पूरी चुनावी व्यवस्था का अपहरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम सबको मिलकर वोट के रूप में अपनी पहचान बचानी होगी, नहीं तो यही लोग देशवासियों को पराया साबित कर देंगे।”

भाजपा का पलटवार : “जनता को भ्रमित करने की साजिश”

सपा अध्यक्ष के इन आरोपों पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि अखिलेश यादव जनता में भय और भ्रम फैलाने का असफल प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “यह डिजिटल इंडिया है, जनता को सच पता है। विपक्षी दल जैसे 2024 के चुनाव के दौरान आरक्षण को लेकर भ्रम फैला रहे थे, अब उनकी बातें लोग गंभीरता से नहीं लेते।”

श्रीवास्तव ने बताया कि एसआईआर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने सभी दलों की बैठक बुलाई है और उनसे बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) नियुक्त करने की अपील की है, ताकि सभी दल बूथ स्तर पर मतदाता सूची की सत्यता सुनिश्चित कर सकें और किसी को नाम काटे जाने की शिकायत का मौका न मिले।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि विपक्ष की यह कोशिश जनता पर कोई असर नहीं डालेगी क्योंकि लोग भली-भांति जानते हैं कि एसआईआर प्रक्रिया मतदाता सूची को शुद्ध और अद्यतन बनाने की नियमित प्रक्रिया है।

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