शाहजहांपुर। देश से बाल विवाह को समाप्त करने के उद्देश्य से चल रही भारत सरकार की 100 दिवसीय विशेष कार्ययोजना से प्रेरित होकर गैर-सरकारी संगठन पेस संस्था ने बड़ा संकल्प लिया है। संस्था ने घोषणा की है कि वह सरकारी विभागों व स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर अगले एक वर्ष के भीतर शाहजहांपुर को बाल विवाह मुक्त जिला बनाएगी।
देशभर में 100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान की शुरुआत
‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर देशभर में 100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान शुरू हो गया है। इस अभियान के तहत स्कूल-कॉलेज, धार्मिक स्थल, विवाह सेवाएं देने वाले पेशेवर (कैटरर्स, टेंट, बैंड, डेकोरेशन), ग्राम पंचायतें और नगरपालिका वार्ड विशेष फोकस में हैं, ताकि इस सदियों पुराने कुप्रथा को जड़ से खत्म किया जा सके।
250 संगठन बने मजबूत नेटवर्क का हिस्सा, 1 लाख बाल विवाह रोके
पेस संस्था, बाल अधिकारों के लिए काम कर रहे देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (JRC) की सहयोगी है। यह नेटवर्क देश के 451 जिलों में 250 से अधिक संगठनों के साथ सक्रिय है।
पिछले एक वर्ष में इस नेटवर्क ने देशभर में 1 लाख से अधिक बाल विवाह रोके हैं, जो इस अभियान के असर और पहुंच को दर्शाते हैं।
शपथ समारोह और जागरूकता कार्यक्रमों से गूंजा जिला
‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के एक वर्ष पूरे होने पर 27 नवंबर को पेस संस्था ने शाहजहांपुर के स्कूलों, ग्रामीण इलाकों और विभिन्न संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए।
जगह-जगह शपथ समारोह कराए गए और लोगों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम तथा उससे जुड़ी कानूनी कार्रवाईयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
संस्था ने साफ कहा कि नाबालिग विवाह में शामिल कोई भी व्यक्ति—परिजन, पुरोहित, कैटरर, टेंट हाउस, बैंड, डेकोरेटर या मेहमान—कानूनी कार्रवाई से बच नहीं सकता।
“एक वर्ष में बाल विवाह मुक्त होगा शाहजहांपुर”—थॉमस थॉमसन
पेस संस्था के प्रतिनिधि थॉमस थॉमसन ने कहा कि सरकार द्वारा चलाया जा रहा 100 दिवसीय अभियान एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
उन्होंने कहा—
“यह अभियान विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सदियों से हमारी बेटियां अवसरों से वंचित रही हैं, लेकिन अब सरकार, कानून-व्यवस्था और समुदाय एकजुट हैं। हमें विश्वास है कि हम एक वर्ष में शाहजहांपुर को बाल विवाह मुक्त जिला बना देंगे।”
