उत्तर प्रदेश में हवाई यातायात और एयर कार्गो क्षेत्र ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अप्रैल से अगस्त 2025 के बीच राज्य के विभिन्न हवाई अड्डों से 60 लाख से अधिक यात्रियों ने सफर किया। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 14.6 प्रतिशत अधिक है, जो दर्शाता है कि प्रदेश में हवाई परिवहन लगातार तेज़ी से बढ़ रहा है। नागरिक उड्डयन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, देश के कुल हवाई यातायात में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी अब बढ़कर 3.52 प्रतिशत हो गई है।
राज्य के प्रमुख हवाई अड्डों — लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज और अयोध्या — में यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। विशेष रूप से अयोध्या धाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के शुरू होने के बाद यहां यात्रियों की आवाजाही में कई गुना इज़ाफा हुआ है। लखनऊ और वाराणसी हवाई अड्डों ने भी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या बढ़ाकर यात्री सुविधा को मजबूत किया है।
राज्य में हवाई माल ढुलाई (एयर कार्गो) क्षेत्र में भी अभूतपूर्व उछाल देखा गया है। वर्ष 2016-17 में जहां केवल 5.89 हजार मीट्रिक टन कार्गो हैंडल किया जाता था, वहीं अब यह बढ़कर 28.36 हजार मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। यह करीब पांच गुना वृद्धि है, जो उत्तर प्रदेश की औद्योगिक, कृषि और निर्यात क्षमता में तेजी का संकेत देता है।
सरकार का कहना है कि आगामी महीनों में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) के शुरू होने से प्रदेश की कनेक्टिविटी और भी सशक्त होगी। इससे यात्रियों के साथ-साथ व्यापारिक गतिविधियों को भी नई दिशा मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे “नए उत्तर प्रदेश की उड़ान” करार देते हुए कहा कि राज्य अब निवेश और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में हवाई मार्ग से देश के अग्रणी प्रदेशों में शामिल हो गया है।
