लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट ली है। बीती रात से चल रही ठंडी और सुकूनभरी हवाओं ने जहां लोगों को उमस और गर्मी से राहत दी है, वहीं अब राज्य में भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने 3 से 7 अक्टूबर तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी से अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 4 अक्टूबर को कुछ जिलों के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया गया है, जिसमें अत्यधिक बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है।
राज्य के पूर्वी हिस्सों—प्रयागराज, वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, जौनपुर और चित्रकूट जैसे जिलों में तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ भारी बारिश की आशंका जताई गई है। इन इलाकों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो सकता है। कई जिलों में जलभराव, पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति बन सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव का क्षेत्र अब उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है, जिसका असर उत्तर प्रदेश के मौसम पर दिखाई दे रहा है। इस सिस्टम के कारण 6 अक्टूबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि की संभावना भी जताई गई है।
मौसम विभाग ने 57 जिलों में बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने का विशेष अलर्ट जारी किया है। इनमें लखनऊ, नोएडा, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, बलिया, कुशीनगर, कानपुर, झांसी, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और अन्य जिले शामिल हैं। इन जिलों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
जनता के लिए जरूरी सुझाव:
बिजली चमकने और बारिश के समय पेड़ों के नीचे या खुले में न रहें।
किसान भाई फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखें और ओलावृष्टि से बचाव के उपाय करें।
जलभराव की संभावना वाले क्षेत्रों में न जाएं और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
मौसम विभाग की वेबसाइट और मोबाइल अलर्ट पर नियमित नजर रखें।
मौसम विभाग का कहना है कि 8 अक्टूबर के बाद प्रदेश में बारिश की तीव्रता और दायरा धीरे-धीरे कम हो सकता है। तब जाकर मौसम में स्थिरता आने की उम्मीद है। तब तक राज्य के लोगों को सतर्क और सजग रहने की आवश्यकता है।
