उत्तर प्रदेश में भारी औद्योगिक विकास

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास की रफ्तार तेज़ी से बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान राज्य में लगभग 4,000 नई फैक्ट्रियाँ स्थापित की गईं, जिससे राज्य में औद्योगिक इकाइयों की कुल संख्या अब 27,000 से अधिक हो गई है। यह आँकड़ा उत्तर प्रदेश को देश के सबसे तेज़ी से विकसित होते औद्योगिक राज्यों में शुमार कर रहा है।

सरकार की एक जिला, एक उत्पाद (ODOP) योजना, निवेश मित्र पोर्टल, और नई औद्योगिक नीति ने निवेशकों के लिए माहौल को अत्यधिक अनुकूल बनाया है। इसके साथ ही भूमि बैंकिंग, बिजली आपूर्ति, और औद्योगिक कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं ने भी उद्योगों को बढ़ावा दिया है। राज्य सरकार के अनुसार, इन नई फैक्ट्रियों से हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिल रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि यह औद्योगिक विस्तार केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। नोएडा, लखनऊ, और कानपुर के साथ-साथ बरेली, झांसी, गोरखपुर, आज़मगढ़ और प्रयागराज जैसे क्षेत्रों में भी नई औद्योगिक इकाइयाँ खुली हैं। इससे क्षेत्रीय संतुलन कायम हो रहा है और ग्रामीण-अर्धशहरी इलाकों में आर्थिक गतिविधियाँ तेज़ हुई हैं।

इसके अलावा, डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, ज्वेलरी पार्क और इलेक्ट्रिक व्हीकल हब जैसी परियोजनाएँ भी निवेश आकर्षित कर रही हैं। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2027 तक राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में उद्योगों का योगदान 30% से अधिक हो।

औद्योगिक विकास के इस दौर ने न केवल निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है बल्कि उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर भारत अभियान में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही रफ्तार जारी रही, तो आने वाले वर्षों में यूपी देश का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र बन सकता है।

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