उत्तर प्रदेश में जाली दस्तावेजों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी, आठ गिरफ्तार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने एक संगठित गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिन पर जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके विभिन्न बैंकों से 100 करोड़ रुपये से अधिक के आवास और व्यक्तिगत ऋण हासिल करने का आरोप है। गिरफ्तारियां चार दिसंबर को गौतमबुद्ध नगर के सूरजपुर क्षेत्र में एचडीएफसी बैंक के एक अधिकारी की शिकायत पर शुरू हुई जांच के दौरान हुई।

एसटीएफ ने बताया कि गिरोह के सरगना रामकुमार और उसके साथ अनुज यादव, नितिन जैन अशोक उर्फ दीपक जैन उर्फ रिंकी, मोहम्मद वसी, शमशाद आलम, इंद्र कुमार कर्माकर और ताहिर हुसैन को गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से 126 चेकबुक और पासबुक, 170 एटीएम कार्ड, 45 आधार कार्ड, 27 पैन कार्ड, वोटर आईडी, 26 मोबाइल फोन, तीन लैपटॉप, तीन वाहन और जाली रजिस्ट्री, समझौता पत्र सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।

एसटीएफ ने बताया कि गिरोह से जुड़े लगभग 220 बैंक खातों में लेन-देन पर रोक लगा दी गई है। जांच में सामने आया कि गिरोह का सरगना रामकुमार पहले एचडीएफसी और एक्सिस बैंक में काम कर चुका है और उसने जाली आधार कार्ड, फर्जी कंपनियां और जाली वित्तीय रिकॉर्ड बनाकर विभिन्न बैंकों से ऋण लेने के लिए पूरे गिरोह का संचालन किया।

अधिकारियों के अनुसार, गिरोह बिल्डरों के साथ मिलकर काम करता था और खाड़ी देशों में काम करने वाले लोगों की पहचान का दुरुपयोग करके उन्हें ऋण लेने में इस्तेमाल करता था। इसके अलावा, गिरोह ने अपनी पहचान छिपाने और धन निकालने के लिए 20 से अधिक मुखौटा कंपनियां संचालित की थीं।

एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ सूरजपुर थाने में भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि इस गिरफ्तारी से जाली दस्तावेजों और फर्जी कंपनियों के जरिए होने वाली बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ कानून का कड़ा संदेश गया है।

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