लखनऊ, 5 नवंबर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को माफिया और उनके संरक्षकों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि जो कोई भी अवैध कब्जे या जमीन हड़पने की कोशिश करेगा, उसे “भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।” मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य में माफिया की जमीन पर गरीबों को मकान मिलेंगे, जिससे यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि उनकी सरकार कानून के शासन और ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
योगी आदित्यनाथ लखनऊ के डालीबाग इलाके में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन पर बने फ्लैटों की चाबियां लाभार्थियों को सौंपी गईं। यह कार्यक्रम कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह केवल मकानों का आवंटन नहीं है, बल्कि यह संदेश है कि माफिया से छीनी गई जमीन अब गरीबों के अधिकार में जाएगी। जो कोई भी समाज को आतंकित करने या सरकारी भूमि पर कब्जा करने की कोशिश करेगा, उसे इसका परिणाम भुगतना होगा।”

कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने सरदार वल्लभभाई पटेल आवास योजना के तहत बनाए गए ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) वर्ग के 72 फ्लैटों की चाबियां आवंटियों को सौंपीं। उन्होंने कहा कि लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने इन फ्लैटों को 10.70 लाख रुपये की कीमत पर आवंटित किया है, जबकि इनका बाजार मूल्य लगभग एक करोड़ रुपये है।
उन्होंने कहा, “आज जब देशभर में श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान कर रहे हैं, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम लखनऊ में माफिया से मुक्त कराई गई भूमि पर गरीबों को उनके घर सौंप पा रहे हैं।” इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आवासीय परिसर में एक पौधा भी लगाया।
एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि यह परियोजना मुख्यमंत्री की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का हिस्सा है, जिसके तहत राज्यभर में माफिया से अवैध कब्जे की जमीनें वापस ली गईं। उन्होंने बताया कि मुख्तार अंसारी के कब्जे से 2,322 वर्ग मीटर भूमि मुक्त कराकर उस पर तीन जी+3 ब्लॉक बनाए गए, जिनमें प्रत्येक में 36.65 वर्ग मीटर आकार के 72 फ्लैट तैयार किए गए।
कार्यक्रम में बताया गया कि इन फ्लैटों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण चार अक्टूबर से तीन नवंबर तक हुआ था और इस अवधि में लगभग 8,000 लोगों ने आवेदन किया। लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से पात्र आवंटियों का चयन मंगलवार को पूरा किया गया।
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी, जो मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रहे, की 28 मार्च 2024 को बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। वे 2005 से लगातार उत्तर प्रदेश और पंजाब की जेलों में बंद थे।
