लखनऊ, 1 नवंबर : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में सवर्ण समुदाय राजनीतिक तौर पर काफी जागरूक है और उन्हें पार्टी में जोड़ने के लिए अब अलग से भाईचारा संगठन बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सवर्ण समुदाय बसपा में अपना हित सुरक्षित होते हुए देखकर खुद ही पार्टी से जुड़ जायेगा। मायावती ने पार्टी के जनाधार को राजनीतिक जागरुकता एवं सदस्यता आदि के माध्यम से बढ़ाने और बहुजन अस्मिता व सम्मान के मिशन को मजबूत बनाने के क्रम में शनिवार को उत्तर प्रदेश राज्य की जिला स्तरीय ‘पिछड़ा वर्ग समाज भाईचारा संगठन’ की मासिक बैठक की अध्यक्षता की।
बसपा सुप्रिमो ने कहा, “राज्य में सवर्ण समुदाय राजनीतिक तौर पर काफी जागरूक समाज है और इन्हें पार्टी में जोड़ने के लिए अब अलग से भाईचारा संगठन बनाने की जरूरत नहीं है।”उन्होंने कहा कि वैसे भी बसपा ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ की नीतियों और सिद्धान्तों आदि के आधार पर चलने वाली पार्टी है।मायावती ने बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में निर्वाचन आयोग द्वारा कराये जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मद्देनजर जारी दिशा-निर्देशों को तत्परता व समझदारी से पूरा करने पर जोर दिया।
बसपा नेता ने कहा कि चुनाव में मतदान करने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को पूरा करने के लिये सभी योग्य लोगों को मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराना व वोटर कार्ड बनवाना बहुत जरूरी है। मायावती ने कहा, “ओबीसी समाज ‘बहुजन समाज’ का खास महत्वपूर्ण अंग है और इनका हित बसपा में ही निहित व सुरक्षित भी है। यह जग-जाहिर है और उप्र में चार बार रही बसपा की सरकार की नीति व कार्यकलापों से भी साबित होता है कि अन्य पिछड़ा वर्ग की हर जातियों को आत्म-सम्मान व रोजी-रोजगार के साथ उनका जीना सुंनिश्चित करने का ईमानदार प्रयास किया गया जबकि दूसरी पार्टियां केवल उनके वोट के स्वार्थ की खातिर कोई ठोस काम नहीं करती है।” उन्होंने कहा कि अधिकांश पार्टियां हवा-हवाई व जुमलेबाजी ही करती रहती हैं और ओबीसी समाज को उनका संवैधानिक हक व सरकारी नौकरी व शिक्षा में इनके आरक्षण को लेकर कांग्रेस, सपा व भाजपा आदि इन पार्टियों का रवैया हमेशा संकीर्ण, जातिवादी व द्वेषपूर्ण रहा है।
मायावती ने बैठक में ‘पिछड़ा वर्ग समाज भाईचारा संगठन’ को अपनी जमीनी गतिविधियों को और तेज करने की हिदायत देते हुए कहा कि ओबीसी समाज की विभिन्न जातियों के टूटे व बिखरे होने व इनमें से कुछ के अलग से पार्टी व संगठन आदि बना लेने के कारण इनकी एकता व एकजुटता प्रभावित हुई है, जिसका लाभ फिर जातिवादी पार्टियां खासकर चुनाव में अक्सर उठाती रहती है। बसपा सुप्रिमो ने कहा कि बसपा जाति के आधार पर सदियों से तोड़े, पछाड़े व सताये जा रहे इन बहुजन लोगों को ‘बहुजन समाज’ की एकता में जोड़कर इनका हित, कल्याण तथा शोषण, अन्याय व अत्याचार आदि से मुक्ति के लिये संघर्षरत है, जो कि देश के लोकतंत्र की सुरक्षा और देशहित में भी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज, बसपा के बैनर तले सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के लिये जितनी जल्दी संगठित होकर मजबूती से कार्य करेगा उनके अच्छे दिन उतने ही जल्दी जरूर आयेंगे।
