इंडिगो संकट: डीजीसीए ने संचालन व रिफंड प्रक्रियाओं पर कड़ी निगरानी शुरू की

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर—देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो में जारी परिचालन संकट के बीच नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कंपनी की उड़ान सेवाओं, रिफंड और अन्य प्रक्रियाओं पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, गुरुवार से डीजीसीए के अधिकारियों ने इंडिगो के गुरुग्राम स्थित मुख्यालय में डेरा डाल दिया है और रोजाना कंपनी की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

इंडिगो बीते सप्ताह से पायलट और चालक दल के नए ‘ड्यूटी’ मानकों के क्रियान्वयन में आई खामियों के कारण गंभीर परिचालन बाधाओं का सामना कर रही है। इसके चलते एयरलाइन ने हजारों उड़ानें रद्द की हैं। 5 दिसंबर को एक ही दिन में 1,600 उड़ान रद्द होने के साथ यह संकट अपने चरम पर पहुंच गया। हालांकि कंपनी ने दावा किया था कि मंगलवार से संचालन सामान्य हो रहा है, लेकिन उड़ानों के रद्द होने का सिलसिला पूरी तरह थमा नहीं है।

स्थिति को देखते हुए डीजीसीए ने बुधवार को निर्देश जारी कर दो अधिकारियों—एक वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी और एक उप निदेशक—को इंडिगो मुख्यालय में तैनात करने का फैसला किया। ये अधिकारी उड़ान रद्द होने, रिफंड की स्थिति, समयपालन, यात्रियों को मुआवजा तथा नागर विमानन मानकों के अनुपालन की प्रतिदिन निगरानी करेंगे।

डीजीसीए ने इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स को गुरुवार दोपहर तलब कर हालिया परिचालन व्यवधानों पर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। इसके अलावा, डीजीसीए के वरिष्ठ अधिकारी 11 प्रमुख घरेलू हवाई अड्डों पर जाकर इंडिगो के परिचालन का मौके पर निरीक्षण करेंगे। सभी अधिकारी अगले दो से तीन दिनों में अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा पूरा कर रिपोर्ट सौंपेंगे।

इंडिगो वित्त वर्ष 2025-26 के शीतकालीन कार्यक्रम के तहत रोजाना 2,200 से अधिक उड़ानें संचालित कर रही थी, लेकिन नागर विमानन मंत्रालय के निर्देश के बाद इसे 10 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है।

परिचालन में सुधार के दावों के बावजूद डीजीसीए की कड़ी निगरानी से स्पष्ट है कि नियामक स्थिति को बेहद गंभीरता से ले रहा है और यात्रियों को होने वाली असुविधा को तत्काल कम करने के लिए दबाव बना रहा है।

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