नयी दिल्ली, 29 नवंबर : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि ‘आॅपरेशन सिंदूर’ नागरिक-सैन्य एकीकरण का एक ”शानदार उदाहरण’’ है, जहां प्रशासनिक तंत्र ने जनता का विश्वास स्थापित करने और महत्वपूर्ण सूचनाओं के संचार के लिए सशस्त्र बलों के साथ मिलकर काम किया।
वह उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में 100वें ‘कॉमन फाउंडेशन कोर्स’ के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
सिंह ने युवा सिविल सेवकों से राष्ट्रीय हितों की रक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को समझने और बहादुर सैनिकों की तरह ऐसी गंभीर परिस्थितियों के लिए हमेशा तैयार रहने का आ’’ान किया।
उन्होंने कहा, ”आॅपरेशन सिंदूर नागरिक-सैन्य एकीकरण का एक शानदार उदाहरण है, जहां प्रशासनिक तंत्र ने महत्वपूर्ण सूचनाओं के संचार और जनता का विश्वास स्थापित करने के लिए सशस्त्र बलों के साथ मिलकर काम किया।’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘आॅपरेशन सिंदूर’ के दौरान सशस्त्र बलों ने संतुलित प्रतिक्रिया में पाकिस्तान और पीओके में आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया, लेकिन यह पड़ोसी देश का दुर्व्यवहार था जिसने सीमा पर स्थिति को सामान्य नहीं होने दिया।
सिंह ने जहां सैनिकों की बहादुरी की सराहना की, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किए गए कार्य की भी सराहना की, क्योंकि उन्होंने महत्वपूर्ण जानकारी का संचार किया तथा देश भर में ‘मॉक ड्रिल’ का सफल संचालन सुनिश्चित किया।
उन्होंने 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शासन और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ और ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ के मंत्र पर प्रकाश डालते हुए सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लक्ष्य को गति देने में सिविल सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
सिंह ने युवा सिविल सेवकों से प्रौद्योगिकी-संचालित युग में नवोन्मेषी तरीके से काम करने और लोगों की समस्याओं का समाधान खोजने का आ’’ान किया।
उन्होंने कहा, ”आपको जनसंपर्क, पहुंच और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए। कल्याण और समावेशिता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करें।’’
‘आपरेशन सिंदूर’ नागरिक-सैन्य एकीकरण का शानदार उदाहरण : राजनाथ सिंह
