अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), 30 अक्टूबर । अलीगढ़ जिले के दो गांवों में मंदिरों की दीवारों पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे जाने के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। जांच में सामने आया कि यह कृत्य किसी सांप्रदायिक संगठन या अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने नहीं, बल्कि बहुसंख्यक समुदाय के चार युवकों ने अपने व्यक्तिगत विवाद में विरोधियों को फंसाने के लिए किया था। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मुख्य साजिशकर्ता फरार है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नीरज कुमार ने गुरुवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के नाम दिलीप कुमार, आकाश, अभिषेक सारस्वत और निशांत कुमार हैं। ये सभी लोढ़ा थाना क्षेत्र के भगवानपुर और बुलाकीगढ़ गांवों के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी राहुल अब भी फरार है और उसकी तलाश जारी है।
एसएसपी ने बताया, “जांच में यह तथ्य सामने आया कि आरोपियों का कुछ लोगों से जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था। विरोधियों को फंसाने और इलाके में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए इन लोगों ने मंदिरों की दीवारों पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखकर साजिश रची।”
पुलिस के अनुसार, 25 अक्टूबर को भगवानपुर और बुलाकीगढ़ गांवों के मंदिरों की दीवारों पर यह नारे लिखे पाए गए थे, जिसके बाद स्थानीय स्तर पर तनाव फैल गया था। घटना के बाद आरोपियों ने लोढ़ा थाने में मुस्तकीम और गुल मोहम्मद समेत सात लोगों पर झूठा मुकदमा दर्ज कराया था।
शुरुआती जांच में पुलिस ने नामजद मुकदमा दर्ज करने से हिचक दिखाई थी, लेकिन एक स्थानीय संगठन के दबाव में एफआईआर दर्ज की गई। स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए पांच दिनों तक अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
एसएसपी नीरज कुमार ने बताया कि यह पूरा मामला चार परिवारों के बीच चल रहे दो अलग-अलग संपत्ति विवादों से जुड़ा है। एक विवाद में राहुल का गुल मोहम्मद के परिवार से, जबकि दूसरे में निशांत कुमार का मुस्तकीम के परिवार से झगड़ा था।
पुलिस ने चारों गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ भड़काऊ कृत्य, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और झूठे आरोप लगाने की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि मुख्य आरोपी राहुल की गिरफ्तारी के बाद इस साजिश के और पहलुओं का खुलासा हो सकता है।
इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि व्यक्तिगत विवादों में धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग किस तरह सांप्रदायिक तनाव का कारण बन सकता है।
