अर्थव्यवस्था की स्थिति चिंताजनक, उच्च विकास दर टिकाऊ नहीं: कांग्रेस


आईएमएफ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार पर लगाए सवाल

नयी दिल्ली, 28 नवंबर। देश की आर्थिक वृद्धि दर के ताजा आंकड़े जारी होने के बाद कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी ने दावा किया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति निराशाजनक है और सरकार जिस उच्च विकास दर का दावा कर रही है, वह टिकाऊ नहीं है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी को संस्था ने ‘सी’ ग्रेड दिया है, जो उनकी विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की जुलाई–सितंबर तिमाही में जीडीपी 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जो पिछले छह तिमाहियों में सबसे अधिक है। पिछली वित्त वर्ष की इसी अवधि में वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत थी, जबकि अप्रैल–जून तिमाही में यह 7.8 प्रतिशत पर दर्ज की गई थी।

इन आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा कि यह विडंबना है कि तिमाही विकास दर के उत्साहजनक आंकड़े उसी दिन सामने आए, जब आईएमएफ की वार्षिक समीक्षा में भारत के राष्ट्रीय खातों के आंकड़ों को ‘सी’ श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह श्रेणी वैश्विक मानकों के हिसाब से दूसरी सबसे निचली रेटिंग है, जो आर्थिक डेटा की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाती है।

रमेश ने दावा किया कि—

सकल स्थिर पूंजी निर्माण में कोई ठोस वृद्धि नहीं हुई है।

निजी निवेश में नई गति का अभाव है।

ऐसे में लगातार उच्च जीडीपी वृद्धि दर का दावा तर्कसंगत और टिकाऊ नहीं माना जा सकता।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी आंकड़ों में महंगाई की जो स्थिति दिखाई जाती है, वह आम जनता पर पड़ रहे वास्तविक बोझ से मेल नहीं खाती। उनके अनुसार, दैनिक उपभोग की वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने करोड़ों परिवारों की आर्थिक स्थिति को और दबाव में डाल दिया है।

वहीं, आईएमएफ ने अपने अनुमान में कहा है कि वर्ष 2025-26 में भारत की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। संस्था का कहना है कि जीएसटी सुधारों से भारत को वैश्विक चुनौतियों—विशेष रूप से अमेरिका की 50 प्रतिशत टैरिफ नीति—के प्रभाव को संतुलित करने में मदद मिलेगी।
आईएमएफ ने यह भी स्वीकार किया कि भारतीय अर्थव्यवस्था समग्र तौर पर अच्छा प्रदर्शन कर रही है और 2024-25 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि के बाद चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।

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