अमेरिका ने पाकिस्तान को आधुनिक AMRAAM मिसाइलें बेचने की दी मंजूरी, भारत ने जताई चिंता

वॉशिंगटन। अमेरिका ने पाकिस्तान को दो नए आधुनिक हथियार बेचने की मंजूरी दे दी है, जिससे दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन को लेकर नई बहस छिड़ गई है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (Pentagon) ने रेथियॉन टेक्नोलॉजीज के साथ 41.6 मिलियन डॉलर के अनुबंध के तहत पाकिस्तान को AIM-120C-8 और AIM-120D-3 AMRAAM मिसाइलें देने की स्वीकृति दी है। ये मिसाइलें अत्याधुनिक एयर-टू-एयर (हवा से हवा में मार करने वाली) प्रणाली हैं, जिनकी रेंज 160 किलोमीटर तक मानी जाती है।

इन मिसाइलों के मिलने से पाकिस्तान की हवाई युद्ध क्षमता में बड़ा इजाफा होगा। रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिका द्वारा स्वीकृत यह सौदा F-16 लड़ाकू विमानों के लिए किया जा रहा है, जो पाकिस्तान वायुसेना के बेड़े का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। AIM-120D-3 मिसाइल अपने संस्करणों में सबसे आधुनिक मानी जाती है और इसमें बेहतर टारगेट ट्रैकिंग, लंबी दूरी और जामिंग-रोधी क्षमता शामिल है।

गौरतलब है कि 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारत के मिग-21 और सुखोई विमानों पर AMRAAM मिसाइलें दागी थीं। तब भी ये मिसाइलें अमेरिका से मिली थीं, जिनका इस्तेमाल उसने रक्षात्मक उद्देश्यों के लिए करने का वादा किया था। अब इस नए सौदे से भारत में राजनयिक हलचल तेज हो गई है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह सौदा पाकिस्तान की वायुसेना को नई ताकत देगा, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन प्रभावित हो सकता है।

भारत के सुरक्षा विश्लेषकों ने अमेरिका से इस कदम पर स्पष्टीकरण मांगने की बात कही है। उनका कहना है कि पाकिस्तान का हथियारों के दुरुपयोग का इतिहास रहा है, और ऐसे सौदे दक्षिण एशिया में अस्थिरता को बढ़ा सकते हैं। वहीं अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह सौदा “काउंटर-टेररिज्म और डिफेंस कोऑपरेशन” के तहत किया गया है और इसका उद्देश्य पाकिस्तान की आत्मरक्षा क्षमता को मजबूत करना है।

हालांकि भारत ने संकेत दिए हैं कि वह अपनी रणनीतिक तैयारी और वायु सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करेगा ताकि किसी भी संभावित खतरे का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके।

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