अमित शाह ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए ‘सहकार डिजी पे’ और ‘सहकार डिजी लोन’ ऐप लॉन्च किए

नयी दिल्ली, 10 नवम्बर : केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को शहरी सहकारी बैंकों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए दो मोबाइल एप्लिकेशन – ‘सहकार डिजी पे’ और ‘सहकार डिजी लोन’ -लॉन्च किए। इन ऐप्स का उद्देश्य सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में डिजिटल भुगतान और ऋण प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और आधुनिक बनाना है।

नई दिल्ली में आयोजित शहरी सहकारी ऋण क्षेत्र पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाना अब “समय की मांग” है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर शहरी सहकारी बैंक बदलते समय के साथ तालमेल नहीं बिठा पाए, तो वे इस प्रतिस्पर्धा में पीछे रह जाएंगे।

अमित शाह ने कहा, “डिजिटल भुगतान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। भुगतान के तरीके बदल चुके हैं। यदि सहकारी बैंक इसमें शामिल नहीं होते, तो वे इस दौड़ से बाहर हो जाएंगे।” उन्होंने घोषणा की कि आने वाले दो वर्षों में 1,500 बैंकों को इस नए डिजिटल मंच से जोड़ा जाएगा।

मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार सहकारी ऋण समितियों और शहरी सहकारी बैंकों को पेशेवर और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की स्थिति में पिछले दो वर्षों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है , गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 2.8 प्रतिशत से घटकर 0.6 प्रतिशत तक आ गई हैं।

शाह ने नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन कोऑपरेटिव बैंक्स एंड क्रेडिट सोसायटीज लिमिटेड (NAFCUB) से आगे विस्तार करने का आग्रह करते हुए कहा कि आने वाले पांच वर्षों में दो लाख से अधिक आबादी वाले प्रत्येक शहर में कम से कम एक नया शहरी सहकारी बैंक स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सफल सहकारी ऋण समितियों को शहरी सहकारी बैंकों में परिवर्तित किया जाए।

अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि केवल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि को राष्ट्रीय प्रगति का पैमाना नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा, “जीडीपी में वृद्धि जरूरी है, लेकिन इसके साथ आजीविका के अवसर भी बढ़ने चाहिए  और यह कार्य सहकारी बैंक भलीभांति कर सकते हैं।”

मंत्री ने अंत में शहरी सहकारी बैंकों से युवा उद्यमियों और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों को प्राथमिकता देने का आह्वान किया, ताकि सहकारिता के माध्यम से “समग्र आर्थिक विकास” का लक्ष्य हासिल किया जा सके।

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