नयी दिल्ली, 19 नवंबर। कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के अहम चरण में जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के अधिग्रहण के लिए कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने अदाणी समूह के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। सूत्रों के मुताबिक सीओसी द्वारा प्रस्तुत तीन प्रमुख समाधान योजनाओं में अदाणी समूह को सर्वाधिक समर्थन प्राप्त हुआ, उसे कुल 89 प्रतिशत वोट मिले।
सीओसी की बैठक में अदाणी समूह, वेदांता लिमिटेड और डालमिया सीमेंट (भारत) द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर मतदान किया गया। इस प्रक्रिया में नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) की भूमिका निर्णायक रही, क्योंकि उसके पास 86 प्रतिशत वोटिंग शेयर थे। भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक सहित कुछ ऋणदाता मतदान से दूर रहे, जिनकी हिस्सेदारी तीन प्रतिशत से कम थी।
सूत्रों के अनुसार अदाणी समूह की समाधान योजना को कर्जदाताओं ने इसलिए प्राथमिकता दी क्योंकि इसमें प्रतिस्पर्धी प्रस्तावों की तुलना में काफी अधिक अग्रिम भुगतान की पेशकश की गई है। कुल 14,535 करोड़ रुपये की प्रस्तावित राशि में 6,005 करोड़ रुपये अग्रिम और 6,726 करोड़ रुपये दो वर्षों के भीतर चुकाए जाने हैं। शुद्ध वर्तमान मूल्य (NPV) के हिसाब से यह प्रस्ताव लगभग 12,000 करोड़ रुपये बैठता है।
दूसरी ओर, वेदांता लिमिटेड ने 3,800 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान और पांच साल में 12,400 करोड़ रुपये का स्थगित भुगतान प्रस्तावित किया था, जिससे उसका कुल योजना मूल्य 16,726 करोड़ रुपये होता है। हालांकि अधिक कुल प्रस्ताव मूल्य के बावजूद, कम अग्रिम भुगतान और लंबी भुगतान अवधि के कारण यह प्रस्ताव कर्जदाताओं में उतना लोकप्रिय नहीं रहा। वेदांता के प्रवक्ता ने टिप्पणी में कहा कि कंपनी जनहित में निर्णय को लेकर आश्वस्त है और दीर्घकालिक मूल्य निर्माण पर केंद्रित है।
जेएएल को जून 2023 में सीआईआरपी में शामिल किया गया था, जब वह 57,185 करोड़ रुपये के ऋणों का भुगतान नहीं कर पाई। कंपनी के पास सीमेंट विनिर्माण, रियल एस्टेट, बिजली, होटल और इंजीनियरिंग-निर्माण क्षेत्र में विविध संपत्तियां हैं। इनमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा की प्रमुख परियोजनाएं जैसे जेपी ग्रीन्स और जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी विशेष आकर्षण का केंद्र रही हैं, क्योंकि ये निर्माणाधीन जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट स्थित हैं।
कर्जदाताओं के मूल्यांकन में अदाणी समूह की योजना को सर्वोच्च अंक हासिल हुए। डालमिया सीमेंट का प्रस्ताव भी समीक्षा में शामिल था, लेकिन उसका भुगतान प्रस्ताव जेएएल और यमुना प्राधिकरण (वाईआईडीए) के बीच लंबित मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर निर्भर था।
अदाणी समूह अब दो वर्षों के भीतर ऋणदाताओं को भुगतान की पेशकश करने की योजना बना रहा है। सूत्रों का कहना है कि दिवाला प्रक्रिया में आई तेजी और कर्जदाताओं का स्पष्ट समर्थन अधिग्रहण सौदे को अंतिम रूप देने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
