विजय हजारे ट्रॉफी: कोहली, रोहित और गिल की मौजूदगी से बढ़ी राष्ट्रीय एकदिवसीय चैंपियनशिप की चमक

विजय हजारे ट्रॉफी: कोहली, रोहित और गिल की मौजूदगी से बढ़ी राष्ट्रीय एकदिवसीय चैंपियनशिप की चमक

बेंगलुरु। बुधवार से शुरू होने जा रही विजय हजारे एकदिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता इस बार कई मायनों में खास रहने वाली है। स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और रोहित शर्मा सहित देश के कई शीर्ष क्रिकेटरों की भागीदारी से राष्ट्रीय एकदिवसीय चैंपियनशिप की चमक और बढ़ गई है। यह टूर्नामेंट इन दिग्गज खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने और अपनी मौजूदा फॉर्म व उपयोगिता साबित करने का अहम मंच होगा।

विजय हजारे ट्रॉफी में इस बार विराट कोहली, रोहित शर्मा के अलावा ऋषभ पंत, शुभमन गिल, सूर्यकुमार यादव और अभिषेक शर्मा जैसे बड़े नाम भी खेलते नजर आएंगे। हालांकि, कोहली और रोहित की मौजूदगी सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रही है। दरअसल, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सभी भारतीय खिलाड़ियों के लिए विजय हजारे ट्रॉफी के कम से कम दो मैच खेलना अनिवार्य कर दिया है, जिसके चलते ये सीनियर खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट में उतर रहे हैं।

विराट कोहली लगभग 15 साल बाद विजय हजारे ट्रॉफी में खेलते दिखाई देंगे। वहीं, रोहित शर्मा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह मुंबई की ओर से जयपुर में सिक्किम और उत्तराखंड के खिलाफ 24 और 26 दिसंबर को होने वाले शुरुआती दो मुकाबले खेलेंगे। कोहली ने हाल ही में मुंबई में भारत के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ के साथ अभ्यास किया है, हालांकि उन्होंने अभी यह तय नहीं किया है कि वह दिल्ली की ओर से कौन-कौन से मैच खेलेंगे।

दिल्ली की टीम एलीट ग्रुप डी में अपने अभियान की शुरुआत बेंगलुरु में आंध्र प्रदेश के खिलाफ करेगी। यह मुकाबला बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) में खेला जाएगा, क्योंकि कर्नाटक सरकार ने सुरक्षा कारणों से एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में मैचों की अनुमति नहीं दी है। दिल्ली का अगला मुकाबला गुजरात से होगा। कोहली के मंगलवार रात बेंगलुरु पहुंचने के बाद से अटकलें तेज हैं कि वह इन दोनों मैचों में खेल सकते हैं।

हालांकि, इस टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन का अगले महीने न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली वनडे श्रृंखला के लिए चयन पर सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन कोहली और रोहित अच्छी तरह जानते हैं कि भारतीय क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है और युवा खिलाड़ी उन्हें कड़ी चुनौती दे रहे हैं। गिल को टी20 विश्व कप टीम से बाहर किया जाना और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के दम पर ईशान किशन का चयन इस बदलते परिदृश्य का संकेत है।

ऋषभ पंत भी इस टूर्नामेंट में खुद को साबित करने के इरादे से उतरेंगे। टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की कर चुके पंत सीमित ओवरों की टीम में वापसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने अगस्त 2024 के बाद से कोई वनडे या टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है और विजय हजारे ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन उनके लिए अहम साबित हो सकता है।

शुभमन गिल के लिए भी यह टूर्नामेंट बेहद महत्वपूर्ण है। आगामी टी20 विश्व कप से बाहर किए जाने के बाद वह पंजाब की ओर से खेलते हुए अपनी लय हासिल करने की कोशिश करेंगे। यह टूर्नामेंट अगले महीने न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली तीन मैचों की वनडे श्रृंखला से पहले उनके लिए बेहतरीन अभ्यास का मौका होगा, जिसमें वह भारतीय टीम की कप्तानी भी करेंगे।

चयनकर्ताओं की नजर इस बार तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन पर भी रहेगी। पिछले कुछ वर्षों में मोहम्मद सिराज के बाद कोई भी तेज गेंदबाज घरेलू क्रिकेट के दम पर राष्ट्रीय टीम में स्थायी जगह नहीं बना सका है। वर्तमान में टीम में शामिल प्रसिद्ध कृष्णा, हर्षित राणा और आकाश दीप के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी रही है।

ऐसे में तमिलनाडु के गुरजपनीत सिंह, पंजाब के गुरनूर बरार, जम्मू-कश्मीर के युद्धवीर सिंह, हरियाणा के अनुज ठकराल और बिहार के साकिब हुसैन जैसे गेंदबाजों पर चयनकर्ताओं की खास नजर होगी।

विजय हजारे ट्रॉफी के सभी मुकाबले सुबह नौ बजे शुरू होंगे और यह टूर्नामेंट न केवल दिग्गज खिलाड़ियों की परीक्षा होगा, बल्कि उभरते सितारों के लिए भी खुद को साबित करने का बड़ा मंच साबित होगा।

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