लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व राज्यमंत्री एवं पूर्व रणजी क्रिकेटर मोहसिन रजा ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से उत्तर प्रदेश को चार रणजी टीमें देने की मांग एक बार फिर दोहराई है। उन्होंने कहा कि लगभग 25 करोड़ की आबादी वाले देश के सबसे बड़े राज्य में रणजी ट्रॉफी की सिर्फ एक टीम होना प्रदेश की अपार क्रिकेट प्रतिभा के साथ अन्याय है।
मोहसिन रजा ने महाराष्ट्र और गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा कि इन राज्यों को रणजी ट्रॉफी में तीन-तीन टीमें खेलने का अवसर मिला है, जबकि उत्तर प्रदेश जनसंख्या, भौगोलिक विस्तार और खिलाड़ियों की संख्या के लिहाज से कहीं बड़ा राज्य है। उन्होंने कहा कि यूपी के 75 जनपदों वाला यह विशाल राज्य यदि देश होता तो दुनिया का छठा सबसे अधिक आबादी वाला देश होता, फिर भी यहां प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए अवसर बेहद सीमित हैं।
उन्होंने कहा कि सीमित स्थानों के कारण कई होनहार खिलाड़ी यूपी टीम में जगह नहीं बना पाते और मजबूरी में दूसरे राज्यों से खेलते हैं, जहां जाकर वे अपनी प्रतिभा से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाते हैं। यह स्थिति प्रदेश के क्रिकेट ढांचे की वास्तविक जरूरतों को दर्शाती है।
इस बार मोहसिन रजा ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) की किसी प्रकार की आलोचना किए बिना अपनी बात रखी और बीसीसीआई से केवल क्रिकेट और खिलाड़ियों के हित में निर्णय लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि रणजी टीमों की संख्या बढ़ने से प्रतिस्पर्धा मजबूत होगी, चयन प्रक्रिया बेहतर होगी और प्रदेश से अधिक अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी उभर सकेंगे।
मोहसिन रजा ने यह भी याद दिलाया कि उत्तर प्रदेश टीम अपने लंबे रणजी इतिहास में केवल एक बार ही चैंपियन बन सकी है, जिसका एक बड़ा कारण अवसरों की कमी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी यह मांग पूरी तरह खेल और खिलाड़ियों के हित में है, न कि किसी राजनीतिक उद्देश्य से।

गौरतलब है कि 6 सितंबर को लखनऊ के इकाना स्टेडियम में आयोजित यूपी टी-20 लीग के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बीसीसीआई नेतृत्व से उत्तर प्रदेश को कम से कम चार रणजी टीमें देने की आवश्यकता जताई थी। अब देखना यह है कि बीसीसीआई इस मांग पर क्या निर्णय लेता है।
