उप्र: अखिलेश ने सेना में अहीर रेजिमेंट और सैन्य स्कूल खोलने की मांग दोहराई

लखनऊ, 20 दिसंबर। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट के गठन की अपनी पुरानी मांग को एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि यह समुदाय के सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से उत्तर प्रदेश में अधिक संख्या में सैन्य स्कूल खोलने का भी आग्रह किया।

यहां पूर्व सैनिकों को सम्मानित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि अहीर रेजिमेंट की मांग कोई नई नहीं है और इसे पहले भी समाजवादी पार्टी के घोषणापत्र में शामिल किया जा चुका है। उन्होंने कहा,
“आज जब हम उन बहादुर सैनिकों का सम्मान कर रहे हैं जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की परवाह नहीं की, तो उनके सम्मान और रेजिमेंट के गौरव के लिए अहीर रेजिमेंट की मांग को फिर से दोहराना जरूरी है।”

इस कार्यक्रम में 1962 के युद्ध में शामिल रहे पूर्व सैनिकों को भी आमंत्रित किया गया था। अखिलेश यादव ने कहा कि यदि अन्य समुदायों की ओर से भी रेजिमेंट बनाने की मांग है, तो उन्हें भी सामने आना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि बहादुर सैनिकों को सम्मानित करने का यह कार्यक्रम करीब 10 दिन पहले तय किया गया था, लेकिन ‘इंडिगो’ संकट और संसद सत्र के चलते इसे टालना पड़ा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी और रक्षा में योगदान देने वाले सैनिकों से मिलना और उन्हें सम्मानित करना उनके लिए सौभाग्य की बात है।

अखिलेश यादव ने 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि ऐतिहासिक दस्तावेज और वृत्तचित्र बताते हैं कि रेजांग ला में भारतीय सैनिकों ने ‘आखिरी गोली और आखिरी आदमी तक’ देश की जमीन की रक्षा की। उन्होंने कहा,
“हर सैनिक को कई दुश्मन सैनिकों से अकेले जूझना पड़ा, लेकिन उन्होंने हजारों चीनी सैनिकों का सामना करते हुए भारत की सीमाओं की रक्षा की।”

सपा अध्यक्ष ने केंद्र सरकार से उत्तर प्रदेश में सैन्य स्कूलों की स्थापना की भी मांग की। उन्होंने कहा कि देश में अभी केवल पांच सैन्य स्कूल हैं—राजस्थान और कर्नाटक में दो-दो तथा हिमाचल प्रदेश में एक—जबकि उत्तर प्रदेश में एक भी सैन्य स्कूल नहीं है।
उन्होंने कहा,
“जब प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री दोनों उत्तर प्रदेश से हैं, तो हमारी मांग है कि लखनऊ, इटावा, कन्नौज और वाराणसी में सैन्य स्कूल खोले जाएं।”

इस मौके पर 87 वर्षीय पूर्व सैनिक रामचंद्र सिंह यादव ने भी अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग की। अखिलेश यादव ने बताया कि रामचंद्र के परिवार की चौथी पीढ़ी सेना में सेवा दे रही है।
उन्होंने कहा,
“उनका पूरा परिवार सेना से जुड़ा है—बेटा, पोता, बहू ही नहीं, उनके पूर्वज भी सेना में रहे हैं।”

अखिलेश यादव ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को याद करते हुए कहा कि रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने शहीद सैनिकों के पार्थिव शरीर को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की और सैनिकों के वेतन में बढ़ोतरी कराई।

सपा द्वारा जारी बयान के अनुसार, राज्य मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में 1962 की जंग में रेजांग ला पोस्ट पर चीन से लड़ने वाले कैप्टन रामचंद्र यादव, हवलदार नेहाल सिंह, गजेंद्र सिंह सहित कुमायूं रेजीमेंट के कई पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ. राम मनोहर लोहिया सभागार में फिल्म ‘120 बहादुर’ का प्रोमो भी दिखाया गया।

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