नयी दिल्ली, 31 दिसंबर । भारतीय सिनेमा के इतिहास में वर्ष 2025 एक शोकपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज हुआ। इस वर्ष फिल्म और टेलीविजन जगत ने धर्मेंद्र, मनोज कुमार, असरानी, कामिनी कौशल सहित कई ऐसे कलाकारों को खो दिया, जिन्होंने अपने अभिनय, गायन और रचनात्मक योगदान से सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। इन कलाकारों की फिल्मों और प्रस्तुतियों में उभरते भारत की सामाजिक चेतना, देशभक्ति और मानवीय संवेदनाओं की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई देती रही।
हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का निधन 24 नवंबर को उनके 90वें जन्मदिन से कुछ दिन पहले हुआ। वे लंबे समय से अस्वस्थ थे और अस्पताल में भर्ती थे। ‘शोले’, ‘अनुपमा’ और ‘चुपके चुपके’ जैसी फिल्मों से उन्होंने दर्शकों के दिलों में स्थायी स्थान बनाया। उनकी अंतिम फिल्म ‘इक्कीस’ एक जनवरी 2026 को रिलीज होने जा रही है।
धर्मेंद्र के करीबी मित्र और देशभक्ति फिल्मों को नई पहचान देने वाले अभिनेता मनोज कुमार का निधन चार अप्रैल को लंबी बीमारी के बाद हुआ। 87 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहने वाले मनोज कुमार को भारतीय सिनेमा में राष्ट्रप्रेम की भावना को सशक्त रूप से प्रस्तुत करने के लिए विशेष रूप से याद किया जाएगा।
‘शोले’ के 50 वर्ष पूरे होने वाले साल में ही फिल्म उद्योग ने इस फिल्म से जुड़े दो महत्वपूर्ण कलाकारों—धर्मेंद्र और गोवर्धन असरानी—को खो दिया। असरानी का निधन 84 वर्ष की आयु में हुआ। ‘शोले’ में जेलर की यादगार भूमिका के अलावा उन्होंने कई फिल्मों में अपने अभिनय से अमिट छाप छोड़ी।
हिंदी सिनेमा की शुरुआती और सबसे शिक्षित महिला कलाकारों में शामिल कामिनी कौशल का निधन 14 नवंबर को 98 वर्ष की उम्र में हुआ। दिलीप कुमार के साथ ‘शहीद’, ‘नदिया के पार’ और ‘शबनम’ जैसी फिल्मों में उनके सशक्त अभिनय को आज भी सराहा जाता है।
संगीत जगत को भी इस वर्ष गहरा आघात लगा। असम के सांस्कृतिक प्रतीक और लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग का 52 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सिंगापुर में उत्तर पूर्व भारत महोत्सव में भाग लेने गए गर्ग का 19 सितंबर को समुद्र में तैरते समय निधन हो गया, जिससे पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई।
फिल्मों और टेलीविजन में अपने सशक्त अभिनय के लिए पहचाने जाने वाले अभिनेता सतीश शाह का 25 अक्टूबर को गुर्दे की बीमारी के कारण निधन हुआ। 74 वर्षीय सतीश शाह को ‘जाने भी दो यारों’ जैसी फिल्मों में उनके अभिनय के लिए विशेष रूप से याद किया जाएगा।
दक्षिण भारतीय सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री बी. सरोजा देवी का भी इसी वर्ष निधन हुआ। उन्होंने तमिल, तेलुगु और कन्नड़ फिल्मों में अपने अभिनय से विशेष पहचान बनाई थी। वहीं, हिंदी और मराठी सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्री संध्या शांताराम का अक्टूबर में 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
टेलीविजन जगत से भी कई दुखद समाचार आए। ‘कांटा लगा’ रीमिक्स से प्रसिद्धि पाने वाली और ‘बिग बॉस’ तथा ‘नच बलिये’ जैसे रियलिटी शो में नजर आने वाली अभिनेत्री शेफाली जरीवाला का 42 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। इसके अलावा, बी. आर. चोपड़ा की ‘महाभारत’ में कर्ण की भूमिका निभाने वाले अभिनेता पंकज धीर का 15 अक्टूबर को कैंसर से जूझते हुए निधन हो गया। वे 68 वर्ष के थे।
हिंदी सिनेमा की मशहूर गायिका और अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित का भी नवंबर में 71 वर्ष की आयु में निधन हुआ। 1970 के दशक में अपनी आवाज और अभिनय के लिए पहचानी जाने वाली सुलक्षणा पंडित का योगदान सदा याद किया जाएगा।
वर्ष 2025 भले ही इन महान कलाकारों के जाने का साक्षी बना हो, लेकिन उनकी कला, उनका संघर्ष और उनकी स्मृतियां भारतीय सिनेमा के इतिहास में हमेशा जीवित रहेंगी।
