लखनऊ, 26 दिसंबर: सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र में युवाओं के वैचारिक, नैतिक और राष्ट्रीय चरित्र निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए युवा आइकॉन विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने शुक्रवार को कानपुर रोड स्थित फिनिक्स यूनाइटेड मॉल में राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत फिल्म ‘धुरंधर’ की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित की। इस आयोजन में सरोजनीनगर क्षेत्र के 450 से अधिक युवाओं ने भाग लिया और राष्ट्रनायकों के आदर्श, त्याग, अनुशासन तथा देश के प्रति कर्तव्यबोध से जुड़ने का अवसर प्राप्त किया।
विशेष रूप से इस अवसर पर फिल्म में पुलिस अधिकारी के चरित्र को दमदार ढंग से जीवंत बनाने वाले सुप्रसिद्ध अभिनेता संजय दत्त भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े। उनकी उपस्थिति ने उपस्थित युवाओं के उत्साह और प्रेरणा को कई गुना बढ़ा दिया। विधायक डॉ. सिंह ने संजय दत्त से फिल्म में उनके अभिनय की प्रशंसा की और अभिनेता ने लखनऊ आने तथा सरोजनीनगर के युवाओं से मिलने की बात भी कही। फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान डॉ. सिंह स्वयं थियेटर में उपस्थित रहे और युवाओं का उत्साहवर्धन करते नजर आए।


इस दौरान युवाओं में उत्साह, अनुशासन और राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व की भावना स्पष्ट रूप से देखी गई। फिल्म ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि युवाओं को सही विचार, प्रेरणा और दिशा देने का भी सशक्त संदेश दिया। डॉ. सिंह ने युवाओं से कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि सजग और जागरूक नागरिकों के संकल्प से सुनिश्चित होती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पुलवामा, उरी, अक्षरधाम, संसद या मुंबई जैसे आतंकी हमलों ने यह सिखाया कि हर युवा को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहना चाहिए।
डॉ. सिंह ने युवाओं को संदेश दिया कि देशभक्ति केवल भावना नहीं, बल्कि निरंतर तैयारी, अनुशासन और राष्ट्र प्रथम के संकल्प का नाम है। प्रत्येक युवा को राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए मानसिक रूप से हमेशा तैयार रहना चाहिए। यही सच्ची देशभक्ति है और यही सशक्त भारत की पहचान है।

डॉ. राजेश्वर सिंह का मानना है कि राष्ट्र निर्माण की मजबूत नींव जागरूक, संस्कारित और राष्ट्रप्रेम से प्रेरित युवाओं से ही तैयार होती है। इसी सोच के अनुरूप यह पहल युवाओं को इतिहास से जोड़ने, आत्मगौरव जागृत करने और सकारात्मक नागरिक दृष्टि विकसित करने की दिशा में एक सार्थक प्रयास रही।
सरोजनीनगर में युवाओं को राष्ट्रप्रेम, अनुशासन, आत्मगौरव और सकारात्मक सोच से जोड़ने वाले ऐसे प्रेरक और मूल्य-आधारित अभियान निरंतर जारी रहेंगे। डॉ. सिंह का यह प्रयास यह संदेश देता है कि राष्ट्रनिर्माण में युवाओं की भागीदारी और प्रेरणा सर्वोपरि है और इसी के माध्यम से ही एक सशक्त और जागरूक भारत का निर्माण संभव है।
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