शाहजहांपुर में चार साहिबज़ादों की शहादत को समर्पित भव्य नगर कीर्तन, श्रद्धा और उत्साह का सैलाब

शाहजहांपुर। सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के चार साहिबज़ादों की अमर शहादत की स्मृति में शाहजहांपुर में भव्य और विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। गंगसरा स्थित गुरुद्वारा चार साहिबज़ादे से प्रारंभ हुए इस नगर कीर्तन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सहभागिता कर साहिबज़ादों के अद्वितीय बलिदान को श्रद्धापूर्वक नमन किया।

नगर कीर्तन जैसे-जैसे अपने निर्धारित मार्ग से होकर आगे बढ़ा, पूरा शहर श्रद्धा और भक्ति के रंग में रंगता चला गया। मार्ग के दोनों ओर खड़े श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर नगर कीर्तन का भावपूर्ण स्वागत किया। “जो बोले सो निहाल” और “सत श्री अकाल” के जयकारों से वातावरण गूंज उठा, जिससे पूरे नगर में एक आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार देखने को मिला।

नगर कीर्तन के दौरान सिख परंपराओं के अनुरूप अनुशासन, सेवा और भाईचारे का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत हुआ। संगत द्वारा जगह-जगह जलपान और लंगर सेवा का आयोजन किया गया, जिसमें सभी वर्गों के लोगों ने सहभागिता की। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों की बड़ी भागीदारी ने आयोजन को और भी विशेष बना दिया।

श्रद्धालुओं ने साहिबज़ादों—साहिबज़ादा अजीत सिंह, साहिबज़ादा जुझार सिंह, साहिबज़ादा जोरावर सिंह और साहिबज़ादा फतेह सिंह—के साहस, त्याग और धर्म रक्षा के आदर्शों को स्मरण करते हुए उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने कहा कि चार साहिबज़ादों की शहादत केवल सिख इतिहास ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए सत्य, न्याय और धर्म की रक्षा की अनुपम मिसाल है।

नगर कीर्तन के शांतिपूर्ण और भव्य आयोजन ने शाहजहांपुर में आपसी सद्भाव, एकता और भाईचारे का सशक्त संदेश दिया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

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