क्रिकेट प्रतिभा वैभव सूर्यवंशी,शतरंज खिलाड़ी वका लक्ष्मी प्रग्निका और तैराकी सनसनी धिनिधि देसिंघु को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार

क्रिकेट प्रतिभा वैभव सूर्यवंशी,शतरंज खिलाड़ी वका लक्ष्मी प्रग्निका और तैराकी सनसनी धिनिधि देसिंघु को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को क्रिकेट में अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से पहचान बना चुके 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी, सात वर्षीय शतरंज खिलाड़ी वका लक्ष्मी प्रग्निका और तैराकी सनसनी धिनिधि देसिंघु सहित देशभर के कई प्रतिभाशाली बच्चों को प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया।

ये पुरस्कार खेल, वीरता, सामाजिक सेवा और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियां हासिल करने वाले बच्चों को प्रदान किए जाते हैं।

बिहार के युवा क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी ने हाल ही में रांची में विजय हजारे ट्रॉफी प्लेट ग्रुप मैच में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 84 गेंद में 190 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी, जिसमें उन्होंने 16 चौके और 15 छक्के लगाए। इस पारी के साथ वह लिस्ट ए क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले पुरुष क्रिकेटर बने। उन्होंने 14 वर्ष और 272 दिन की उम्र में मात्र 36 गेंद में शतक पूरा किया।

सूर्यवंशी की इस धमाकेदार पारी की बदौलत बिहार ने छह विकेट पर 574 रन बनाए, जो लिस्ट ए क्रिकेट का अब तक का सर्वोच्च टीम स्कोर है। इससे पहले, उन्होंने इस वर्ष जयपुर में राजस्थान रॉयल्स की ओर से गुजरात टाइटंस के खिलाफ आईपीएल मैच में 38 गेंद में 101 रन बनाकर पुरुष टी20 क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक लगाने का रिकॉर्ड भी बनाया था। उनका 35 गेंद में शतक आईपीएल इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक रहा।

भारत की अंडर-19 टीम के इस खिलाड़ी ने ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ चार दिवसीय मुकाबले में भी शतक जड़ा है।

उधर, गुजरात के सूरत की रहने वाली सात वर्षीय लक्ष्मी प्रग्निका ने सर्बिया में आयोजित 2025 फिडे विश्व स्कूल्स शतरंज चैंपियनशिप में अंडर-7 बालिका वर्ग का खिताब जीता, जहां उन्होंने नौ में से नौ अंक हासिल किए।

कर्नाटक की तैराक धिनिधि देसिंघु ने महिलाओं की 200 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर इतिहास रचा और वह ओलंपिक में भाग लेने वाली भारत की सबसे कम उम्र की महिला तैराक बनीं। उन्होंने गोवा में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में सात स्वर्ण पदक जीते हैं और दोहा में हुई विश्व तैराकी चैंपियनशिप में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया।

इन युवा प्रतिभाओं की उपलब्धियों ने देश का नाम रोशन किया है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हैं।

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