भुवनेश्वर, 25 दिसंबर । ओडिशा के कंधमाल जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य और 1.1 करोड़ रुपये के इनामी गणेश उइके समेत छह नक्सली मारे गए। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस अभियान को “एक बड़ी सफलता” करार दिया, जबकि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इसे ‘नक्सल मुक्त भारत’ के निर्माण की दिशा में एक “उल्लेखनीय उपलब्धि” बताया।
राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ अधिकारी संजीब पांडा ने बताया कि गणेश उइके ओडिशा में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन का प्रमुख था और उस पर 1.1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। उइके को पक्का हनुमंतु, राजेश तिवारी, चमरू और रूपा जैसे नामों से भी जाना जाता था।
पुलिस के अनुसार, बुधवार रात कंधमाल जिले के बेलघर थाना क्षेत्र अंतर्गत गुम्मा जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें छत्तीसगढ़ के दो नक्सली मारे गए। इसके बाद बृहस्पतिवार सुबह चकापाड़ थाना क्षेत्र के जंगल में फिर मुठभेड़ हुई, जिसमें गणेश उइके समेत चार अन्य नक्सली ढेर हो गए।
अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी में मारे गए चार नक्सलियों में 69 वर्षीय गणेश उइके की पहचान हो चुकी है, जो तेलंगाना के नलगोंडा जिले के चेंदूर मंडल के पुल्लेमाला गांव का निवासी था। अन्य तीन नक्सलियों में दो महिलाएं शामिल हैं, जिनकी पहचान अभी नहीं हो पाई है।
अमित शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “ओडिशा के कंधमाल में चलाए गए एक बड़े अभियान में केंद्रीय समिति के सदस्य गणेश उइके समेत छह नक्सलियों को मार गिराया गया है। इस सफलता के साथ ओडिशा नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होने की कगार पर है। हम 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी सोशल मीडिया पर कहा कि कंधमाल जिले में चलाए गए संयुक्त अभियान से राज्य नक्सलवाद के खात्मे के और करीब पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि राज्य का विकास और जनता की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इस बीच, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई. बी. खुरानिया ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बुधवार को दो और बृहस्पतिवार सुबह चार नक्सली मारे गए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय समिति स्तर के माओवादी नेता का मारा जाना ओडिशा पुलिस के लिए बड़ी सफलता है, जिससे राज्य में माओवादियों की कमर टूट गई है।
डीजीपी ने बताया कि कंधमाल-गंजाम अंतर-जिला सीमा के विभिन्न इलाकों में अभियान अब भी जारी हैं और आने वाले दिनों में और सफलता की उम्मीद है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अभियान में सुरक्षा बलों की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
उन्होंने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर ओडिशा पुलिस के विशेष अभियान दल, सीआरपीएफ और बीएसएफ की कुल 23 टीमों को शामिल कर संयुक्त अभियान चलाया गया। मुठभेड़ के बाद दो आईएनएसएएस राइफल और एक .303 राइफल बरामद की गई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार रात मारे गए नक्सलियों की पहचान भाकपा (माओवादी) के क्षेत्र समिति सदस्य बारी उर्फ राकेश और दलम सदस्य अमृत के रूप में हुई है, दोनों छत्तीसगढ़ के निवासी थे।
डीजीपी ने एक बार फिर माओवादियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील करते हुए कहा कि ओडिशा की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति देश में सर्वश्रेष्ठ है, जिसके तहत आत्मसमर्पण करने वालों को नकद सहायता, आवास, राशन कार्ड, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं दी जाती हैं।
