तेज हवाओं के चलते एक्यूआई में सुधार, दिल्ली ने 13 दिनों बाद राहत की सांस ली

नई दिल्ली, 24 दिसंबर ।करीब दो सप्ताह तक खतरनाक स्मॉग की मार झेलने के बाद दिल्लीवासियों को बुधवार को कुछ राहत मिली। तेज हवाओं के असर से राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 13 दिनों बाद ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गया। हालांकि, आने वाले दिनों में एक बार फिर हवा की गुणवत्ता बिगड़ने की आशंका जताई गई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली का 24 घंटे का औसत एक्यूआई बुधवार को 271 दर्ज किया गया, जो मंगलवार शाम चार बजे दर्ज 412 के ‘गंभीर’ स्तर से काफी बेहतर है। इससे पहले 10 दिसंबर को दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में थी, जिसके बाद यह लगातार ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ स्तर पर बनी रही।

अधिकारियों के मुताबिक, अनुकूल मौसम परिस्थितियों और दिन के समय 15 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली सतही हवाओं ने प्रदूषण को फैलाने में मदद की। मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिम दिशा से चली हवाओं की गति दोपहर में 20 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई, जिससे स्मॉग छंटा।

हालांकि, वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार शाम और रात के समय पश्चिम दिशा से चलने वाली हवाओं की रफ्तार घटकर 10 किमी प्रति घंटे से कम रहने की संभावना है, जिससे प्रदूषण फिर बढ़ सकता है।

शहर में संचालित 40 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से चार—लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली, आईजीआई एयरपोर्ट और आया नगर—में एक्यूआई 200 से नीचे ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया गया। वहीं 33 केंद्रों में हवा ‘खराब’ रही। सीपीसीबी के समीर ऐप के मुताबिक केवल नेहरू नगर और द्वारका में ही एक्यूआई 300 से ऊपर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पाया गया।

सीपीसीबी मानकों के अनुसार, 0-50 ‘अच्छा’, 51-100 ‘संतोषजनक’, 101-200 ‘मध्यम’, 201-300 ‘खराब’, 301-400 ‘बहुत खराब’ और 401-500 ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) के आंकड़ों से पता चला कि बुधवार को दिल्ली के प्रदूषण भार में वाहनों से होने वाला उत्सर्जन सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा, जिसकी हिस्सेदारी 17.5 प्रतिशत थी। इसके बाद उद्योगों का योगदान 8.6 प्रतिशत, निर्माण गतिविधियों का 2.4 प्रतिशत और कचरा जलाने का 1.3 प्रतिशत रहा।

पड़ोसी राज्यों की बात करें तो हरियाणा के झज्जर का प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान 12 प्रतिशत रहा, जबकि सोनीपत का 6.5 प्रतिशत और रोहतक का 5.4 प्रतिशत योगदान दर्ज किया गया।

हालांकि, चेतावनी प्रणाली के अनुसार अगले छह दिनों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में जा सकती है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बुधवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 22.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक था, जबकि न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.7 डिग्री अधिक है। सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्ष आर्द्रता 100 प्रतिशत और शाम साढ़े पांच बजे 78 प्रतिशत रही।

मौसम विभाग ने गुरुवार, क्रिसमस के दिन न्यूनतम तापमान 6 डिग्री और अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान जताया है। सुबह के समय कई इलाकों में हल्की से मध्यम धुंध छाए रहने के बाद दिन में आसमान साफ रहने की संभावना है।

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