भारत ने चक्रवात ‘दित्वा’ से प्रभावित श्रीलंका के लिए 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर के पुनर्निर्माण पैकेज की घोषणा की

भारत ने चक्रवात ‘दित्वा’ से प्रभावित श्रीलंका के लिए 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर के पुनर्निर्माण पैकेज की घोषणा की

कोलंबो, 23 दिसंबर  – भारत ने चक्रवात ‘दित्वा’ से प्रभावित श्रीलंका की मदद के लिए 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर के पुनर्निर्माण पैकेज की घोषणा की है। यह जानकारी विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकातों के दौरान दी। उन्होंने द्वीपीय देश के पुनर्निर्माण में भारत की प्रतिबद्धता का भरोसा दिलाया।

जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में दो दिवसीय यात्रा पर श्रीलंका पहुंचे। उन्होंने राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके और विदेश मंत्री विजिथा हेरात से मुलाकात की और चक्रवात के बाद भारत की मदद का आश्वासन दिया। विदेश मंत्री ने बताया कि भारत की सहायता राशि में 35 करोड़ अमेरिकी डॉलर का रियायती ऋण और 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर का अनुदान शामिल है।

इस पैकेज का उद्देश्य चक्रवात से हुए नुकसान की भरपाई करना है, जिसमें सड़क, रेलवे और पुल संपर्क की बहाली, पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों का निर्माण, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में मदद, कृषि क्षेत्र में सहायता, तथा आपदा प्रतिक्रिया और तैयारियों को मजबूत करना शामिल है।

जयशंकर ने बताया कि भारत की ओर से राहत और सहायता अभियान ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ उसी दिन शुरू किया गया जिस दिन चक्रवात ने तट पर दस्तक दी थी। इस अभियान के तहत कुल 1,100 टन से अधिक राहत सामग्री, जैसे सूखा राशन, तंबू, तिरपाल, स्वच्छता किट, आवश्यक वस्त्र और जल शोधन किट, श्रीलंका भेजी गई। इसके अलावा लगभग 14.5 टन दवाइयां और चिकित्सकीय उपकरण भी उपलब्ध कराए गए।

इस यात्रा के दौरान जयशंकर ने उत्तरी प्रांत के किलिनोच्ची जिले में 120 फुट लंबे दोहरी लेन वाले बेली ब्रिज का उद्घाटन किया। यह पुल चक्रवात से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक है और इसे भारत से हवाई मार्ग द्वारा लाया गया। सेना के इंजीनियरों ने इस पुल का निर्माण किया, जिससे संपर्क बहाल करना संभव हुआ। इसके अलावा चिलाव में एक और बेली पुल का निर्माण कार्य चल रहा है।

राष्ट्रपति दिसानायके ने भारत की सहायता और 45 करोड़ डॉलर के पैकेज के लिए आभार व्यक्त किया और इसे भारत-श्रीलंका संबंधों में नया अध्याय बताया। जयशंकर ने श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या, स्वास्थ्य मंत्री, श्रम एवं उप वित्त मंत्री और पर्यटन मंत्री से भी मुलाकात की और पुनर्निर्माण पैकेज के कार्यान्वयन पर चर्चा की।

जयशंकर ने कहा कि भारत श्रीलंका के साथ इस कठिन समय में पहले से अधिक मजबूती से खड़ा है और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि भारत श्रीलंका में पर्यटन और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को प्रोत्साहित करेगा, जिससे द्वीप राष्ट्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

विदेश मंत्री ने श्रीलंका के तमिल नेताओं और भारतीय मूल के तमिल समुदाय से भी मुलाकात की और पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण में भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। श्रीलंका के विदेश मंत्री ने जयशंकर की यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत की अटूट एकजुटता को दर्शाती है और दोनों देशों के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करती

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