माल्या की एफईओ अधिनियम याचिका पर सुनवाई उसके भारत लौटने पर ही होगी: मुंबई उच्च न्यायालय

माल्या की एफईओ अधिनियम याचिका पर सुनवाई उसके भारत लौटने पर ही होगी: मुंबई उच्च न्यायालय

मुंबई, 23 दिसंबर  – मुंबई उच्च न्यायालय ने भगोड़ा कारोबारी विजय माल्या को मंगलवार को स्पष्ट संदेश दिया कि जब तक वह भारत लौटकर अदालत में खुद को पेश नहीं करता, तब तक भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) अधिनियम के खिलाफ उसकी याचिका पर सुनवाई नहीं होगी।

वर्ष 2016 से ब्रिटेन में रह रहे 70 वर्षीय माल्या ने उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर की हैं। पहली याचिका में उन्होंने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने के आदेश को चुनौती दी है, जबकि दूसरी में 2018 के अधिनियम की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाया है।

मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड़ की पीठ ने माल्या से पूछा कि वह कब भारत लौटने की योजना बना रहे हैं। अदालत ने उनके वकील अमित देसाई को स्पष्ट कर दिया कि जब तक माल्या स्वयं अदालत में उपस्थित नहीं होते, एफईओ अधिनियम के खिलाफ याचिका पर कोई सुनवाई नहीं की जाएगी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि भगोड़ा आरोपी देश से बाहर रहकर अपने वकीलों के माध्यम से याचिकाएं दायर करके कानून का दुरुपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण प्रक्रिया अंतिम चरण में है और देश की अदालतों के समक्ष उपस्थित हुए बिना किसी अधिनियम की वैधता को चुनौती देना उचित नहीं होगा।

पीठ ने यह भी कहा कि माल्या की दोनों याचिकाओं को एक साथ आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। अदालत ने उनसे स्पष्ट करने को कहा कि वह कौन सी याचिका को आगे बढ़ाना चाहते हैं और कौन सी वापस लेना चाहते हैं। माल्या के वकील ने बताया कि उनकी 14,000 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है और ऋणदाता बैंकों द्वारा 6,000 करोड़ रुपये की देनदारी वसूल कर ली गई है, जिससे वित्तीय देनदारी प्रभावी रूप से समाप्त हो गई है।

अदालत ने अगली सुनवाई 12 फरवरी के लिए तय की है। तब तक माल्या को यह स्पष्ट करना होगा कि वह किस याचिका को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

जानकारी के अनुसार, जनवरी 2019 में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। मार्च 2016 में कई ऋणों का भुगतान न करने और धनशोधन के आरोपों के चलते माल्या भारत से बाहर चले गए थे।

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