उन्नाव बलात्कार मामले में कुलदीप सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित, हाईकोर्ट से जमानत

उन्नाव बलात्कार मामले में कुलदीप सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा मंगलवार को निलंबित कर दी और उन्हें जमानत दे दी। यह राहत बलात्कार मामले में उनकी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ दायर अपील के लंबित रहने तक दी गई है।

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने सेंगर को 15 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के तीन जमानतदारों पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि तीनों जमानतदार दिल्ली के निवासी होने चाहिए।

उच्च न्यायालय ने जमानत के साथ सख्त शर्तें भी लगाईं। अदालत ने निर्देश दिया कि सेंगर न तो पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में जाएगा और न ही पीड़िता या उसकी मां को किसी प्रकार की धमकी देगा। अदालत ने कहा कि शर्तों के उल्लंघन की स्थिति में जमानत रद्द कर दी जाएगी।

अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सेंगर अपनी अपील के लंबित रहने के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ही रहेगा, अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करेगा और हर सोमवार सुबह 10 बजे स्थानीय थाने में उपस्थित होगा। उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 जनवरी की तारीख तय की है।

गौरतलब है कि सेंगर ने दिसंबर 2019 में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। आरोप है कि वर्ष 2017 में उन्होंने एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया था। उच्चतम न्यायालय के एक अगस्त 2019 के निर्देश के बाद बलात्कार और उससे जुड़े अन्य मामलों को उत्तर प्रदेश की अदालत से स्थानांतरित कर दिल्ली की निचली अदालत में भेजा गया था।

इस बीच, पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत से जुड़े मामले में सेंगर की अपील अभी भी लंबित है। उस मामले में उन्हें 10 साल की सजा सुनाई गई थी। सेंगर ने उस सजा के निलंबन की भी मांग की है, यह कहते हुए कि वह पहले ही जेल में लंबा समय बिता चुके हैं।

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