उत्तर प्रदेश विधानसभा में कोडीन कफ सिरप को लेकर सपा का हंगामा, सरकार ने मौत की बात को खारिज किया

कोडीन कफ सिरप के कथित अवैध कारोबार को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने हंगामा किया

लखनऊ, 22 दिसंबर  – उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सोमवार को कोडीन कफ सिरप के कथित अवैध कारोबार को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने हंगामा किया। सदन में सपा के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने खड़े होकर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे और मुद्दे पर चर्चा की मांग की।

सत्र की शुरुआत में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने आरोप लगाया कि कोडीन के सेवन से पूरे प्रदेश में सैकड़ों बच्चों की जान गई है और इसके अवैध कारोबार में हजारों करोड़ रुपये का धंधा चल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार और खुफिया एजेंसियों को समय रहते इसकी जानकारी मिलती, तो कई जानें बचाई जा सकती थीं। पांडेय ने यह भी कहा कि यदि इसमें सपा के लोग शामिल हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन अन्य आरोपियों पर भी समान रूप से कार्रवाई की जानी चाहिए।

इस पर जवाब देते हुए संसदीय कार्य और वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि प्रदेश में कोडीन के कारण एक भी मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में चर्चा के लिए तैयार है और बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जा चुकी है। खन्ना ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका केवल नकारात्मक एजेंडा है और समाज को गुमराह करना उनका उद्देश्य है।

सपा के सदस्य विरोध स्वरूप लगातार अध्यक्ष सतीश महाना के आसन के सामने खड़े रहे और नारेबाजी करते रहे। महाना ने सदस्यों से कई बार अपने स्थानों पर लौटने का अनुरोध किया और कहा कि नियम 56 के तहत चर्चा का समय आने पर दोनों पक्षों की बातें सुनकर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संसदीय मंत्री ने कहा है कि कोडीन से किसी की मृत्यु नहीं हुई, जबकि विपक्ष इसके विपरीत दावा कर रहा है।

इसके बाद सपा के सदस्य अपनी सीटों पर लौट गए और सदन की कार्यवाही पुनः सुचारू रूप से चली।

यह हंगामा ऐसे समय में हुआ जब प्रदेश में कोडीन कफ सिरप के अवैध कारोबार और इससे जुड़े खतरों को लेकर लगातार जांच की जा रही है। हाल ही में एटा और मिर्जापुर में बड़ी मात्रा में अवैध कोडीन सिरप जब्त किया गया और छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। विधानसभा में विपक्ष का जोर इस बात पर था कि सरकार इस मुद्दे में सक्रिय भूमिका निभाए और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

सपा ने सदन में यह मुद्दा उठाकर सरकार की नीतियों और कार्रवाई की समयसीमा पर सवाल उठाए, वहीं सरकार ने इसे तथ्यों के विपरीत बताया और कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य और सुरक्षा की स्थिति नियंत्रण में है।

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