नई दिल्ली, 22 दिसंबर – कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने सोमवार को मोदी सरकार पर मनरेगा योजना को धीरे-धीरे खत्म करने की “हजार छोटे-छोटे घाव देकर खत्म करने की रणनीति” (Death by Thousand Cuts Strategy) अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे महात्मा गांधी के सर्वोदय के दृष्टिकोण के खिलाफ बताते हुए कहा कि योजना का अंत हमारी सामूहिक नैतिक विफलता है।
सोनिया गांधी ने यह बयान अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ में प्रकाशित अपने लेख में दिया। उन्होंने कहा कि योजना के खत्म होने से देश के सबसे कमजोर वर्गों और ग्रामीण गरीबों की सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही, उन्होंने उन अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया जो समाज में सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
लेख में सोनिया ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने मनरेगा का नाम महात्मा गांधी से हटा दिया और इसके विकेंद्रीकृत और मांग आधारित स्वरूप को समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार यह भ्रामक दावा कर रही है कि रोजगार की गारंटी 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन कर दी गई है। सोनिया गांधी के अनुसार, यह दावा वास्तविकता के विपरीत है और पिछले एक दशक में सरकार ने लगातार योजना का गला घोंटने का काम किया।
सोनिया ने कहा कि योजना का नुकसान केवल मनरेगा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह काम के अधिकार पर हमला और संविधान एवं उसके अधिकार-आधारित दृष्टिकोण पर लंबे समय से हो रहे हमलों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अब तो मतदान का सबसे मौलिक अधिकार भी अभूतपूर्व हमले का सामना कर रहा है।
कांग्रेस नेता ने यह भी बताया कि मनरेगा दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा पहल रही है और इसके प्रभाव पर सबसे अधिक अध्ययन और मूल्यांकन हुए हैं। इन अध्ययनों ने योजना के समाज के कमजोर वर्गों पर परिवर्तनकारी प्रभाव को रेखांकित किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि योजना के खत्म होने से राज्यों की पहले से ही कठिन वित्तीय स्थिति और अधिक दबाव में आ जाएगी।
सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा कि अब पहले से कहीं अधिक यह आवश्यक है कि लोग एकजुट हों और उन अधिकारों की रक्षा करें जो समाज में सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा ने महात्मा गांधी के सर्वोदय के दृष्टिकोण को साकार किया और काम के संवैधानिक अधिकार को लागू किया, और इसका खत्म होना आने वाले वर्षों तक भारत के करोड़ों मेहनतकश लोगों पर गंभीर वित्तीय और मानवीय परिणाम डालेगा।
सोनिया गांधी ने बीते शनिवार को एक वीडियो संदेश में भी दावा किया था कि मोदी सरकार ने मनरेगा पर “बुलडोजर” चला दिया है और इस कदम से किसानों, श्रमिकों और भूमिहीन ग्रामीण वर्ग के गरीबों के हितों पर हमला हुआ है। उन्होंने कहा कि अब देश के नागरिकों और राजनीतिक संगठनों के लिए यह आवश्यक है कि वे सामूहिक रूप से अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आएं।
