25 लोगों की मौत के मामले में अदालत का सख्त रुख
पणजी, 17 दिसंबर । उत्तर गोवा की एक अदालत ने ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब अग्निकांड मामले में सह-मालिक गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा को बुधवार को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। इस हादसे में 25 लोगों की जान चली गई थी।
मापुसा की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट पूजा सरदेसाई ने दोनों आरोपियों को स्वास्थ्य जांच के बाद अदालत में पेश किए जाने पर यह आदेश दिया। थाईलैंड से निर्वासित होकर दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद गोवा पुलिस ने मंगलवार को दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया था।
अदालत में पीड़ित परिवार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विष्णु जोशी ने बताया कि आरोपियों ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए विशेष रियायत और अतिरिक्त सुविधाओं की मांग की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अदालत ने इस तथ्य को गंभीरता से लिया कि यह मामला 25 लोगों की मौत से जुड़ा है और इसे सामूहिक त्रासदी माना गया।
लगातार मेडिकल जांच की मांग को देखते हुए अदालत के निर्देश पर आरोपियों की दोबारा चिकित्सा जांच कराई गई, जिसमें किसी विशेष उपचार या सुविधा की आवश्यकता नहीं पाई गई। अदालत ने हवालात में अच्छे गद्दे जैसी विशेष सुविधाओं की मांग भी अस्वीकार कर दी।
गोवा पुलिस की टीम लूथरा बंधुओं को सुबह 10.45 बजे मनोहर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, मोपा लेकर पहुंची। इसके बाद उन्हें पहले सियोलिम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर मापुसा स्थित जिला अस्पताल में चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाया गया। सभी औपचारिकताओं के बाद दोनों को अदालत में पेश किया गया।
गौरतलब है कि सात दिसंबर की सुबह अरपोरा स्थित नाइट क्लब में आग लगने के कुछ घंटों बाद ही दोनों आरोपी थाईलैंड के फुकेट भाग गए थे। इसके बाद उनके खिलाफ इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया और पासपोर्ट रद्द कर दिए गए। भारत सरकार के अनुरोध पर 11 दिसंबर को थाई अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में लिया और बाद में निर्वासित कर दिया।
इस मामले में अंजुना पुलिस ने लूथरा बंधुओं के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। गोवा पुलिस नाइट क्लब के पांच प्रबंधकों और कर्मचारियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
