कोडीन कफ सिरप मामले में दो आरोपियों की याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज की

प्रयागराज, 15 दिसंबर । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले में दो आरोपियों, सिंटू उर्फ अखिलेश प्रकाश और आकाश मौर्य, की रिट याचिकाएं सोमवार को खारिज कर दीं। आरोपियों ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।

यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट और न्यायमूर्ति गरिमा प्रसाद की पीठ ने पारित किया। आरोपियों के खिलाफ जौनपुर स्थित कोतवाली पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अदालत ने खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं का यह कृत्य समाज के खिलाफ गंभीर अपराधों की श्रेणी में आता है।

अदालत ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि ये आरोपी उत्तर प्रदेश में कोडिन आधारित कफ सिरप की तस्करी के बड़े नारकोटिक्स नेटवर्क के संभावित सरगना हैं। इस नेटवर्क का कथित रूप से संचालन फर्जी कंपनियों और दस्तावेजों के माध्यम से किया गया था।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने गाजियाबाद और वाराणसी के स्टॉक प्वाइंट से भारी मात्रा में कोडिन प्राप्त कर झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, नेपाल और बांग्लादेश भेजने के लिए जाल बनाया। इसके लिए कई फर्जी कंपनियां बनाई गईं और अवैध खेप को वैध फार्मा खेप के रूप में भेजा गया। इस मामले में गाजियाबाद, वाराणसी, जौनपुर और अन्य जिलों में कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

उल्लेखनीय है कि इस मामले से संबंधित शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की दूसरी पीठ ने इसी तरह के आरोपियों को अंतरिम संरक्षण प्रदान करते हुए अगली सुनवाई 17 दिसंबर निर्धारित की थी।

कोडीन सिरप तस्करी का यह मामला राज्य और सीमा पार क्षेत्रों में नारकोटिक्स रैकेट की गंभीरता को उजागर करता है। उच्च न्यायालय का यह आदेश स्पष्ट करता है कि न्यायपालिका इस तरह के संगठित अपराधों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है।

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