नयी दिल्ली, 15 दिसंबर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के खिलाफ चल रही धनशोधन जांच के तहत सोमवार को यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर से पूछताछ की। अधिकारियों ने बताया कि कपूर के बयान धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए जा रहे हैं।
अधिकारियों के अनुसार, 68 वर्षीय राणा कपूर से पहले भी ईडी ने विभिन्न धनशोधन मामलों में पूछताछ की है और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। ये मामले मुख्य रूप से यस बैंक द्वारा कथित रूप से अवैध तरीके से ऋण वितरण से जुड़े रहे हैं।
ईडी अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी को इस मामले में कपूर और अनिल अंबानी के बीच वित्तीय लेन-देन का संदेह है। हालांकि, ईडी की पूछताछ और लगाए गए आरोपों पर कपूर या उनके वकीलों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
जांच एजेंसी के मुताबिक, 31 मार्च 2017 तक यस बैंक का रिलायंस अनिल अंबानी समूह (एडीएजी समूह) में लगभग 6,000 करोड़ रुपये का निवेश था, जो एक वर्ष के भीतर बढ़कर 31 मार्च 2018 तक करीब 13,000 करोड़ रुपये हो गया। जिन कंपनियों की जांच की जा रही है, उनमें रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) शामिल हैं।
ईडी ने आरोप लगाया है कि इन निवेशों का एक बड़ा हिस्सा गैर-निष्पादित निवेश (एनपीआई) में बदल गया, जिससे यस बैंक को लगभग 3,300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह जांच 2017 से 2019 की अवधि से संबंधित है, जब यस बैंक ने कथित तौर पर आरएचएफएल में 2,965 करोड़ रुपये और आरसीएफएल में 2,045 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
ईडी के अनुसार, आरएचएफएल पर 1,353.5 करोड़ रुपये और आरसीएफएल पर 1,984 करोड़ रुपये की बकाया राशि थी। जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों कंपनियों को 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की सार्वजनिक धनराशि प्राप्त हुई थी।
उल्लेखनीय है कि अनिल अंबानी (66) से उनकी समूह की कंपनियों से जुड़ी कथित बैंक ऋण अनियमितताओं के सिलसिले में ईडी पहले भी पूछताछ कर चुकी है। वहीं, रिलायंस समूह की कंपनियों का लगातार यह कहना रहा है कि अनिल अंबानी समूह के दैनिक प्रबंधन में शामिल नहीं थे।
ईडी ने हाल ही में अनिल अंबानी समूह की कुछ कंपनियों से संबंधित करीब 1,120 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की है।
