लखनऊ, 6 दिसंबर। समाजवादी बाबा साहेब अम्बेडकर वाहिनी द्वारा 6 दिसंबर 2025 को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आयोजित की जाने वाली विशाल श्रद्धांजलि सभा को प्रशासन द्वारा अचानक निरस्त किए जाने पर समाजवादी पार्टी ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। सपा नेताओं का कहना है कि कार्यक्रम हेतु सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी गई थीं, लेकिन “भाजपा सरकार के दबाव” में आवंटन रद्द कर दिया गया, जिसे उन्होंने अलोकतांत्रिक और बाबा साहेब के प्रति “दुर्भावनापूर्ण व्यवहार” बताया।
सपा के राज्य मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को सांसद आर.के. चौधरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल और वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती ने संबोधित किया। नेताओं ने बताया कि श्रद्धांजलि सभा में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होना था। उनका आरोप है कि कार्यक्रम रद्द किए जाने से स्पष्ट है कि सरकार बाबा साहेब के विचारों और बढ़ती दलित राजनीतिक चेतना से “भयभीत” है।
सपा नेताओं ने कहा कि श्रद्धांजलि सभा पूरी तरह शांतिपूर्ण कार्यक्रम था, कोई धरना-प्रदर्शन नहीं होना था। ऐसे में अनुमति वापस लेना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा संविधान और उसके निर्माता के प्रति सम्मानजनक रवैया नहीं रखती और आरक्षण समाप्त करने की कोशिश में है। नेताओं ने आरएसएस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बाबा साहेब द्वारा बनाए गए संविधान का ऐतिहासिक तौर पर संगठन ने विरोध किया था।
प्रेस वार्ता में वक्ताओं ने दावा किया कि दलित समाज अब पहले से अधिक शिक्षित, जागरूक और संगठित हो चुका है और इस तरह की कार्रवाई उसे दबा नहीं सकती। उन्होंने कहा—“बाबा साहेब का मिशन अधूरा है, जिसे अखिलेश यादव पूरा करेंगे।” सपा नेताओं ने भाजपा पर “नफरत फैलाने” और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी संविधान की मूल भावना की रक्षा के लिए संघर्ष करेगी और गांव–गांव जाकर सरकार की “नीतियों की पोल खोलेगी।”

कार्यक्रम रद्द किए जाने के विरोध में मंच पर श्वेत–श्याम पोस्टर भी प्रदर्शित किए गए, जिन पर लिखा था—“परमिशन रोको, कार्यक्रम रोको, पर दलितों की जागृति कैसे रोको।” सभा स्थल की अनुमति रद्द करने के खिलाफ भी नारेबाजी की गई।
इस दौरान विधायक गौरव रावत, लोटन राम निषाद, मनोज पासवान, सत्य प्रकाश सोनकर, राकेश रंजन समेत कई प्रमुख नेता मौजूद रहे।
