कोलकाता, एक दिसंबर : पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को सेवानिवृत्त न्यायाधीश रवींद्रनाथ सामंत को राज्य का नया लोकायुक्त नियुक्त करने की सिफारिश की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी अनुपस्थित रहे।
न्यायमूर्ति सामंत जून 2023 में कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अशीम कुमार रॉय का स्थान लेंगे, जिन्होंने नवंबर 2018 से लोकायुक्त के रूप में कार्य किया और 2023 में दिए गए दो साल के विस्तार के बाद अगस्त 2025 तक इस पद पर रहे। वर्तमान में, सामंत पश्चिम बंगाल रियल एस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
नई नियुक्ति की प्रक्रिया के तहत, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति ने उनके नाम की सिफारिश की है। अब राज्यपाल उनकी नियुक्ति करेंगे, जिसके बाद वह पद की शपथ लेंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने बैठक का बहिष्कार किया
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी लगातार चौथे वर्ष इस बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं। परंपरा के अनुसार, हर साल औपचारिक निमंत्रण मिलने के बावजूद अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए। उन्होंने शुक्रवार को कहा था,
“मैं बैठक में भाग नहीं लूंगा। मैं मुख्यमंत्री के साथ बैठक में हिस्सा नहीं लूंगा, जो एक भ्रष्ट सरकार का नेतृत्व कर रही हैं।”
अधिकारी ने यह भी कहा कि मालदा में भाजपा सांसद खगेन मुर्मू पर हाल में हुए हमले के बाद राज्य सरकार के साथ किसी भी तरह का जुड़ाव उनके लिए नैतिक रूप से असंभव है। उन्होंने सत्तारूढ़ दल को “नैतिक रूप से दिवालिया” करार दिया और कहा,
“मुर्मू को खून से लथपथ देखने के बाद, कोई भी समझदार व्यक्ति उनके बगल में नहीं बैठ सकता, जिनके हाथ भाजपा कार्यकर्ताओं के खून से सने हैं।”
तृणमूल कांग्रेस का जवाब
सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने अधिकारी का बहिष्कार सोची-समझी राजनीतिक चाल करार दिया। तृणमूल के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा,
“वे भ्रष्टाचार से लड़ने की बात तो करते हैं, लेकिन लोकायुक्त की नियुक्ति पर होने वाली बैठकों में शामिल नहीं होते। यह भाजपा का दोहरा मापदंड दिखाता है।”
