बिहार: भाजपा विधायक डॉ. प्रेम कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया

पटना, एक दिसंबर : बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं गया शहर से विधायक डॉ. प्रेम कुमार ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
नामांकन के दौरान सत्ता पक्ष की एकजुटता स्पष्ट दिखाई दी और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के अलावा जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) के वरिष्ठ नेता एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के विधायक राजू तिवारी तथा राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के आनंद माधव सहित राजग के कई मंत्री व विधायक उपस्थित थे।
नामांकन प्रक्रिया विधानसभा सचिव के कक्ष में संपन्न हुई।
विधानसभा में राजग के पास स्पष्ट बहुमत होने के कारण डॉ. प्रेम कुमार का विधानसभा अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है।
नामांकन के आखिरी तय समय तक विपक्ष की ओर से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा गया है।
डॉ. प्रेम कुमार बिहार भाजपा के सबसे वरिष्ठ एवं प्रभावशाली नेताओं में गिने जाते हैं। वह गया शहर से लगातार नौ बार विधायक चुने गए हैं। उनकी वरिष्ठता, अनुभव और संसदीय प्रक्रियाओं पर पकड़ को देखते हुए राजग ने उन पर भरोसा जताया है।
नामांकन पत्रों की जांच के बाद विधानसभा के विशेष सत्र में नए अध्यक्ष के नाम की आधिकारिक घोषणा मंगलवार को की जाएगी।
गया शहर विधानसभा क्षेत्र से लगातार नौ बार निर्वाचित बिहार के विरले विधायकों में शामिल 70 वर्षीय प्रेम कुमार का विधानसभा अध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है। मंगलवार को उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन किया जाएगा।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह सदन का संचालन ”प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली’’ के अनुरूप करेंगे और सभी दलों को साथ लेकर चलेंगे।
प्रेम कुमार वर्ष 1990 में पहली बार विधायक चुने गए थे और तब से निरंतर जीत दर्ज करते हुए अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के वरिष्ठ नेताओं में अपनी पहचान बना चुके हैं। उन्हें मगध विश्वविद्यालय से पीएचडी उपाधि प्राप्त हैं।
विधानसभा अध्यक्ष पद के एकमात्र उम्मीदवार प्रेम कुमार ने कहा कि इस बार 100 से अधिक नए सदस्य निर्वाचित होकर आए हैं और उन्हें सदन की कार्यप्रणाली से अवगत कराने के लिए एक विशेष कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
उन्होंने बताया, ”हम प्रथम बार चुने गए विधायकों को प्रश्नकाल, शून्यकाल, तारांकित और अतारांकित प्रश्न, अल्पसूचना प्रश्न तथा अन्य संसदीय प्रक्रियाओं की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगे।’’
प्रेम कुमार ने इस बात पर बल दिया कि विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों, जिलों और राज्य से जुड़े प्रासंगिक प्रश्न पूछने की कला सीखनी होगी, ताकि सदन में सार्थक चर्चा हो सके और जनसमस्याओं का समाधान प्रभावी ढंग से उठाया जा सके।
जेपी आंदोलन से राजनीति में आए डॉ. कुमार विभिन्न कालखंडों में दस से अधिक विभागों के मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि 2005 में नीतीश कुमार की सरकार में वह पहली बार मंत्री बने। इसके बाद 2010, 2017झ्र2020 और 2020झ्र2024 के बीच भी मंत्री रहे। वर्ष 2015 में वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।

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