लखनऊ, 28 नवंबर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्र और समाज की मजबूती के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना के साथ-साथ सहयोग की भावना भी आवश्यक है।
मुर्मू ने शुक्रवार को लखनऊ में भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के हीरक जयंती समारोह और 19वें राष्ट्रीय जंबूरी के समापन समारोह में यह बात कही।

उन्होंने कहा, “जंबूरी के दौरान कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। हर प्रतियोगिता से हमें नयी चीजें सीखने को मिलती हैं। टीम भावना मजबूत होती है और यह हमें और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित भी करती हैं, लेकिन, राष्ट्र और समाज की मजबूती के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना के साथ-साथ सहयोग की भावना भी आवश्यक है।”

राष्ट्रपति ने कहा,”यह गर्व का विषय है कि पिछले 75 वर्षों से भारत स्काउट्स और गाइड्स युवाओं का मार्गदर्शन कर रहा है और उन्हें राष्ट्र-निर्माण में सक्रिय भागीदार बनने के लिए प्रेरित कर रहा है।”
उन्होंने रेखांकित किया,” सेवा की भावना स्काउट्स और गाइड्स की सबसे बड़ी ताकत है। चाहे बाढ़ हो, भूकंप हो या कोई महामारी, स्काउट्स और गाइड्स हमेशा सहायता के लिए सबसे आगे रहते हैं। इस संगठन की एक और विशेषता राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना है।’’
मुर्मू ने युवाओं को सशक्त, संवेदनशील और देश के भविष्य के लिए काम करने के वास्ते प्रतिबद्ध बनाने के लिए भारत स्काउट्स और गाइड्स की सराहना की।

मुर्मू ने यह भी कहा, “आज भारत में 63 लाख से ज्Þयादा स्काउट्स और गाइड्स हैं। भारत स्काउट्स और गाइड्स दुनिया के सबसे बड़े स्काउट्स और गाइड्स संगठनों में से एक है। इस संगठन में गाइड्स यानी लड़िकयों की संख्या 25 लाख से ज्Þयादा है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।”उन्होंने अनुशासन, समर्पण और समाज व मानवता के कल्याण का मार्ग चुनने के लिए उन सभी लड़िकयों की सराहना की।

राष्ट्रपति ने कहा, “मैं उन सभी बेटियों को बधाई देता हूं जिन्होंने समाज और मानवता की भलाई के लिए अनुशासन, लगन व लगातार तरक्की का रास्ता चुना है।”
मुर्मू ने कहा, ”स्काउट्स और गाइड्स का आदर्श वाक्य “तैयार रहो” है। इसका मतलब है कि भविष्य में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।”
उन्होंने स्काउट्स और गाइड्स को सलाह दी,” वे दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास के साथ बिना किसी हिचकिचाहट के किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता विकसित करें।

उन्होंने कहा कि चाहे वह तकनीकी कौशल हो, संचार कौशल हो, टीम समन्वय हो, समस्या-समाधान कौशल हो या नेतृत्व क्षमता हो, ये सभी उनके जीवन में मददगार साबित होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा, ”राष्ट्र के युवा इस देश के भविष्य के निर्माता होने के साथ-साथ इसकी महान सांस्कृतिक एवं सभ्यतागत परंपराओं के संरक्षक भी हैं। एक सशक्त और संवेदनशील व्यक्ति कई अन्य लोगों को सशक्त और संवेदनशील बना सकता है, ठीक वैसे ही जैसे एक दीपक कई अन्य दीपकों को जलाता है।”
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि युवा हमारे राष्ट्र के विकास के लिए खुद को समर्पित करेंगे।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक और मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा उपस्थित थे।
