भारत निवेशकों का भरोसेमंद साझेदार, ‘विकसित भारत’ के सफर में सह-निर्माता हैं निवेशक: मोदी

हैदराबाद, 26 नवंबर – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद साझेदार है और निवेशकों को विकसित भारत की यात्रा में सह-निर्माता के रूप में देखता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने हैदराबाद में फ्रांसीसी विमानन कंपनी सैफरान के विमान इंजन एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और देखभाल) संयंत्र का ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने बताया कि यह संयंत्र युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा।

मोदी ने कहा कि भारत ने सैकड़ों व्यवसाय-संबंधी प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया है और राष्ट्रीय एकल-खिड़की व्यवस्था से विभिन्न अनुमोदनों को एक मंच पर लाया गया है। उन्होंने जीएसटी सुधार, चेहरा-रहित कर आकलन, नए श्रम कानून और ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) के लागू होने को शासन में पारदर्शिता और सरलता बढ़ाने वाला कदम बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “इन कोशिशों से भारत अब एक भरोसेमंद साझेदार, एक बड़े बाजार और उभरते विनिर्माण केंद्र के तौर पर देखा जा रहा है। आज भारत में तेजी से वृद्धि हो रही है, सरकार स्थिर है, सुधार पर ध्यान देने वाली सोच है, युवा प्रतिभाओं की भरमार है और एक बड़ा घरेलू बाजार है। सबसे जरूरी बात, भारत में निवेश करने वालों को देश सिर्फ निवेशक नहीं, बल्कि विकसित भारत के सफर में सह-निर्माता और हितधारक मानता है।”

मोदी ने भारतीय नागर विमानन क्षेत्र की तेजी से बढ़ती भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि देश का घरेलू विमानन बाजार दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है। उन्होंने बताया कि भारतीय एयरलाइन कंपनियों ने 1,500 से अधिक नए विमानों का ऑर्डर दिया हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एमआरओ कार्य लगभग 85 प्रतिशत विदेशों में होने के कारण लागत बढ़ती है और विमानों को लंबे समय तक खड़ा रहना पड़ता है, इसलिए सरकार भारत को वैश्विक एमआरओ केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। उन्होंने बताया कि सैफरान का इंजन एमआरओ केंद्र देश में पहली बार किसी वैश्विक विमान कंपनी द्वारा विस्तृत सर्विसिंग के लिए स्थापित किया गया है।

मोदी ने कहा कि कंपनी की वैश्विक प्रशिक्षण और ज्ञान हस्तांतरण साझेदारी से आने वाले वर्षों में एमआरओ पारिस्थितिकी को नई दिशा मिलेगी और दक्षिण भारत के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि भारत केवल विमान एमआरओ तक ही सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि पोत परिवहन के लिए भी एमआरओ और देश में डिजाइन गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।

सैफरान की इकाई सैफरान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया (एसएईएसआई) ने हैदराबाद में अपने एमआरओ संयंत्र के विकास पर 1,300 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश किया है। यह संयंत्र एयरबस ए320 निओ और बोइंग 737 मैक्स विमानों में इस्तेमाल होने वाले लीप इंजन की सर्विसिंग करेगा।

संयंत्र को प्रति वर्ष 300 इंजन की सर्विसिंग क्षमता के साथ डिज़ाइन किया गया है और 2035 तक 1,000 से अधिक कुशल भारतीय तकनीशियन और इंजीनियर यहां कार्यरत होंगे। इस संयंत्र में परिचालन 2026 में शुरू होगा।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि इस एमआरओ परियोजना से विदेशी मुद्रा की निकासी कम होगी, उच्च मूल्य वाले रोजगार सृजित होंगे, आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती बढ़ेगी और भारत वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थापित होगा।

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