गौतम गंभीर का बयान: “मेरे भविष्य का फैसला बीसीसीआई करेगी, लेकिन मेरी सफलताओं को मत भूलो”

गुवाहाटी, 26 नवंबर — दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में मिली करारी हार के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा कि उनके भविष्य का फैसला भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को करना है। इसके साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि उनके कार्यकाल में टीम ने कई महत्वपूर्ण सफलताएँ हासिल की हैं।

गंभीर ने बुधवार को गुवाहाटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मेरे भविष्य का फैसला बीसीसीआई को करना है। मैंने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी यही कहा था जब मैं मुख्य कोच बना था। भारतीय क्रिकेट अहम है, मैं नहीं। आज भी मैं वही बात दोहरा रहा हूं।”

उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। गंभीर ने कहा, “लोग भूल जाते हैं कि मैंने युवा टीम के साथ इंग्लैंड में अच्छे परिणाम दिलाए। मैंने टीम को चैम्पियंस ट्रॉफी और एशिया कप में जीत भी दिलाई। हालांकि अब सभी लोग न्यूजीलैंड श्रृंखला और हालिया दक्षिण अफ्रीका हार की बात कर रहे हैं।”

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 0-2 से मिली हार के संदर्भ में उन्होंने कहा, “दोष सभी का है और इसकी शुरुआत मुझसे होती है। हमें बेहतर खेल दिखाना होगा। पहली पारी में एक समय हमारा स्कोर एक विकेट पर 95 रन था, जो सात विकेट पर 122 रन हो गया। यह स्वीकार्य नहीं है। आप किसी एक व्यक्ति या किसी खास शॉट को दोष नहीं दे सकते। दोष सबका है।”

गंभीर ने टेस्ट क्रिकेट के लिए मानसिक मजबूती और स्थिरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए आपको केवल तेज़तर्रार या प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की जरूरत नहीं है। हमें ऐसे खिलाड़ी चाहिए जिनमें मानसिक मजबूती हो। वे अच्छे टेस्ट क्रिकेटर बनते हैं।”

उन्होंने भारतीय टीम के पिछले प्रदर्शन का भी जिक्र किया। गंभीर के कोच रहते भारत ने 18 टेस्ट मैचों में से 10 में हार का सामना किया है, जिसमें पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू मैदान पर मिली हारें शामिल हैं। गुवाहाटी में मिली हार भारत के टेस्ट इतिहास में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी हार है।

जब न्यूजीलैंड श्रृंखला और दक्षिण अफ्रीका हार की तुलना करने के सवाल पर गंभीर ने कहा, “न्यूजीलैंड के खिलाफ हमारी टीम काफी अलग थी। उस समय विराट कोहली और रोहित शर्मा टीम में थे। वर्तमान टीम अलग है और इस बल्लेबाजी क्रम का अनुभव उस समय के खिलाफ सीमित था। हर मैच की तुलना पिछले मैचों से करना सही नहीं है।”

गंभीर ने अंत में कहा, “हमने हमेशा टीम भावना और रणनीति पर ध्यान दिया है। व्यक्तिगत दोषारोपण से कुछ नहीं होगा। हमें मिलकर बेहतर खेलना होगा और सुधार की दिशा में काम करना होगा।”

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