जम्मू-कश्मीर में पहले दिन से मेरा मिशन भेदभाव और अन्याय खत्म करना है: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

जम्मू, 26 नवंबर । जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उनके पहले दिन से ही मिशन का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाना, भेदभाव और अन्याय को समाप्त करना और आतंकवादी परिवेशी तंत्र को खत्म करना रहा है।

सिन्हा ने समारोह में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन करवाया और संविधान के निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान रद्द करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद, संविधान के प्रावधान जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह लागू किए गए, जिससे भेदभाव और अन्याय का शासन समाप्त हुआ।

उपराज्यपाल ने कहा, “अब जम्मू-कश्मीर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा संविधान में निहित समानता, सामाजिक और आर्थिक न्याय के आदर्शों के मार्गदर्शन में आगे बढ़ रहा है। हमारा मिशन है कि केंद्रीय योजनाओं का लाभ समाज के सबसे निचले तबके तक पहुंचे।”

सिन्हा ने स्पष्ट किया कि पिछले पांच वर्षों में अलगाववादियों को पुरस्कृत करने और देशभक्तों को प्रताड़ित करने की प्रथा पूरी तरह समाप्त कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संविधान के सभी प्रावधान लागू करने से जम्मू-कश्मीर में सभी के लिए सम्मान, गौरव और गरिमा सुनिश्चित हुई है।

सिन्हा ने नीति निर्माताओं और अधिकारियों से अपील की कि वे संविधान के मूल्यों को बनाए रखें और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि संविधान ने भारत की प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है और इसे अपनाकर राष्ट्रीय एकता, अखंडता, समाज में आत्मविश्वास और स्वाभिमान को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।

समारोह में जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर और वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम केंद्रशासित प्रदेश स्तर पर संस्कृति विभाग द्वारा विधि, न्याय एवं संसदीय कार्य विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया था।

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