
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को वर्ष 2047 तक विकसित प्रदेश बनाने के व्यापक लक्ष्य पर तेज़ी से काम कर रही है। इसी कड़ी में 17 नवंबर को राजधानी लखनऊ में एक बड़ा “विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047” जनसंवाद सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम प्रदेश के कृषि, ग्रामीण विकास, जल प्रबंधन, कृषि-प्रसंस्करण और सतत खेती को नई दिशा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
सरकार की ओर से बताया गया है कि इस जनसंवाद में करीब 300 विशेषज्ञ, जिनमें प्रमुख कृषि वैज्ञानिक, विभिन्न विश्वविद्यालयों के शोधकर्ता, बड़े किसान, स्टार्टअप संस्थापक, नीति विशेषज्ञ और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे। कार्यक्रम में किसानों की आय बढ़ाने, नवीन तकनीकों के उपयोग, जल संरक्षण, माइक्रो-इरीगेशन, फसल विविधीकरण और यूपी की कृषि अर्थव्यवस्था को 2047 तक आत्मनिर्भर बनाने पर विस्तृत चर्चा होगी।
यूपी सरकार का मानना है कि यदि कृषि को आधुनिक तकनीक, मजबूत बाजार कनेक्टिविटी, बेहतर सप्लाई चेन, और स्थानीय उत्पादों की वैल्यू एडिशन से जोड़ा जाए, तो राज्य में करोड़ों किसानों की आय कई गुना बढ़ सकती है। इसी दिशा में “विकसित यूपी @ 2047” रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
इस जनसंवाद का एक प्रमुख उद्देश्य भी है—जनभागीदारी बढ़ाना। सरकार ने बीते कुछ महीनों में लोगों से विकास संबंधी सुझाव लेने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया था, जिसमें लाखों नागरिकों ने अपनी राय दी। इन सुझावों को भी जनसंवाद में प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि योजनाओं का अंतिम खाका अधिक व्यापक और जनकेन्द्रित बने।
सम्मेलन में विभिन्न जिलों की कृषि उपलब्धियों, नई संभावनाओं, और किसान-हितैषी नीतियों पर भी प्रस्तुति दी जाएगी। उम्मीद है कि इस कार्यक्रम से निकले निष्कर्ष उत्तर प्रदेश को 2047 तक भारत का कृषि-समृद्ध और आर्थिक रूप से सशक्त राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण आधार तैयार करेंगे।