श्रीनगर/नई दिल्ली, 15 नवंबर: श्रीनगर के नौगाम पुलिस थाने में शुक्रवार रात 11 बजकर 20 मिनट के करीब एक आकस्मिक विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई और 32 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने इसे आतंकवादी हमला नहीं बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना करार दिया।
पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात और गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रशांत लोखंडे ने कहा कि विस्फोट उस समय हुआ जब एक विशेष टीम हरियाणा के फरीदाबाद से बरामद अस्थिर विस्फोटकों के जखीरे से नमूने ले रही थी। फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की टीम अत्यधिक सावधानी के साथ फॉरेंसिक और रासायनिक जांच कर रही थी।
विस्फोट में एफएसएल के तीन कर्मचारी, दो फोटोग्राफर, दो राजस्व अधिकारी, एक एसआईए अधिकारी और टीम से जुड़ा एक दर्जी मारे गए। घायल 27 पुलिसकर्मी, दो राजस्व अधिकारी और तीन नागरिक हैं। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस थाने की इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई और आसपास की इमारतें भी प्रभावित हुईं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विस्फोट की जांच के आदेश दिए हैं। विस्फोटकों में अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर शामिल थे, जो नौगाम थाने में सुरक्षित रूप से रखे गए थे।
जखीरा जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 9 और 10 नवंबर को फरीदाबाद स्थित आरोपी डॉ. मुजम्मिल गनई के घर से बरामद किया था। यह विस्फोटक ‘सफेदपोश’ आतंकवादी मॉड्यूल से जुड़ा था। प्रारंभिक जांच में आरिफ निसार डार, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार सहित कई संदिग्धों की पहचान हुई और उन्हें गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा मौलवी इरफान अहमद और अन्य आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया।
जांचकर्ताओं का मानना है कि पूरा मॉड्यूल चिकित्सकों की एक मुख्य तिकड़ी द्वारा संचालित था, जिसमें मुजम्मिल गनई, उमर नबी और फरार मुजफ्फर राठेर शामिल हैं। विस्फोटक बरामदगी और नमूना प्रक्रिया के दौरान यह हादसा हुआ, जिसे अधिकारी अस्थिर और संवेदनशील विस्फोटकों के कारण एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना बता रहे हैं।
