कांग्रेस ने बिहार चुनाव परिणामों को अविश्वसनीय बताया, निर्वाचन आयोग की भूमिका पर उठाए सवाल

नयी दिल्ली, 15 नवंबर। बिहार विधानसभा चुनाव में करारी पराजय के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने शनिवार को दिल्ली में लंबी समीक्षा बैठक की और पूरे चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए। पार्टी ने कहा कि बिहार के नतीजे “अविश्वसनीय” हैं और आने वाले कुछ सप्ताह में वह अपने संदेहों के समर्थन में ठोस सबूत सार्वजनिक करेगी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव परिणामों की घोषणा के अगले ही दिन स्थिति पर मंथन किया। बैठक में संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल, कोषाध्यक्ष अजय माकन और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू भी शामिल हुए। कांग्रेस ने इस चुनाव में 61 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से केवल छह सीटों पर उसे जीत मिली—वर्ष 2010 के बाद यह पार्टी का बिहार में सबसे खराब प्रदर्शन है।

बैठक के बाद वेणुगोपाल ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि बिहार की पूरी चुनाव प्रक्रिया संदिग्ध रही और इसमें आवश्यक पारदर्शिता नहीं थी। उन्होंने कहा, “ये नतीजे न सिर्फ कांग्रेस बल्कि पूरे बिहार के लोगों और हमारे गठबंधन सहयोगियों के लिए अविश्वसनीय हैं। हम राज्यभर के आंकड़े इकट्ठे कर रहे हैं और एक-दो सप्ताह में ठोस सबूत पेश करेंगे।”

वेणुगोपाल ने यह दावा भी किया कि एक राजनीतिक दल के 90 प्रतिशत से अधिक स्ट्राइक रेट का मिलना भारतीय राजनीतिक इतिहास में असामान्य है और इसकी गहन जांच आवश्यक है। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव के दौरान भी निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।

राहुल गांधी ने शुक्रवार को परिणाम आने के बाद इसे “चौंकाने वाला” करार दिया था और कहा था कि विपक्षी गठबंधन एक ऐसे चुनाव में जीत नहीं पाई, जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था। उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन इस पूरे प्रकरण की विस्तृत समीक्षा करेंगे।

कांग्रेस की ओर से निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर उठाए गए ये आरोप आने वाले दिनों में राजनीतिक बहस को और तेज कर सकते हैं, जबकि पार्टी अब अपने संगठनात्मक और रणनीतिक ढांचे में सुधार के संकेत भी दे रही है।

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