नागपुर, 15 नवंबर। जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकारों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी नायकों के योगदान को इतिहास की किताबों में जानबूझकर उपेक्षित किया गया। उन्होंने कहा कि देश की आज़ादी में आदिवासी समुदाय की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है, लेकिन लंबे समय तक इसे मुख्यधारा के इतिहास से दूर रखा गया।
बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित आदिवासी सांस्कृतिक महोत्सव का उद्घाटन करते हुए फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी समुदाय के जल, जमीन, जंगल तथा उनकी संस्कृति की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार ने आदिवासी समाज को सशक्त बनाने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं, जिनमें वन भूमि के पट्टों का वितरण, आदिवासी आश्रम शालाओं का विस्तार, छात्रावास व्यवस्था में सुधार और छात्रों को 60,000 रुपये की सहायता जैसी पहलें शामिल हैं।
फडणवीस ने कहा कि आदिवासी छात्रों को प्रतिष्ठित स्कूलों में अध्ययन के बेहतर अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं तथा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष कार्यक्रम चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि आदिवासी बस्तियों तक सड़कों का जाल बिछाने और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने जनजातीय विकास विभाग द्वारा शुरू की गई आश्रम शालाओं के डिजिटलीकरण और उच्च शिक्षा योजनाओं की भी प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान पूरे देश में आदिवासी नायकों के योगदान को उजागर करने का अभियान चलाया है, जिसके तहत इतिहास पुस्तकों में संशोधन, स्मारकों और मूर्तियों का निर्माण तथा उनके जीवन पर आधारित साहित्य को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें आदिवासी समुदाय के जल, जंगल और जमीन के संरक्षण और उनके समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। गडकरी ने स्वतंत्रता संग्राम और आदिवासी समाज के उत्थान में भगवान बिरसा मुंडा के अमूल्य योगदान को स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया।
