जम्मू-कश्मीर में दबोचे गए आतंकियों के सहयोगियों से मिले सुराग के बाद ‘आतंकी मॉड्यूल’ का भंडाफोड़ हुआ

श्रीनगर, 12 नवंबर : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में गिरफ्तार किए गए दो आतंकियों के सहयोगियों की पूछताछ से एक अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है, जिसके तार जम्मू-कश्मीर से लेकर हरियाणा के फरीदाबाद तक फैले हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई के तहत जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े पोस्टर बरामद किए गए और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री जब्त की गई।

अधिकारियों के अनुसार, श्रीनगर पुलिस ने दो नवंबर को नौगाम इलाके से दो संदिग्ध आतंक समर्थकों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया कि दोनों एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा थे, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय था। तीन दिनों से भी कम समय में पुलिस ने इस मॉड्यूल की पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया।

नौगाम थाने के प्रभारी मीर मसर्रत आलम ने पूछताछ के दौरान पाया कि गिरफ्तार संदिग्धों का संपर्क मौलवी इरफान अहमद नामक व्यक्ति से था, जो शोपियां का रहने वाला था लेकिन नौगाम में एक मस्जिद में इमाम के रूप में कार्य करते हुए आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने तुरंत इरफान को हिरासत में लिया, जिसने पूछताछ में खुलासा किया कि मॉड्यूल में कई युवा डॉक्टरों की संलिप्तता है, जो जम्मू-कश्मीर के बाहर विभिन्न अस्पतालों में काम कर रहे थे।

इरफान के बयान के आधार पर पुलिस ने एक टीम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर भेजी, जहां स्थानीय पुलिस की मदद से एक निजी अस्पताल में कार्यरत डॉ. अदील अहमद राठेर को गिरफ्तार किया गया। उसे छह नवंबर को पकड़ा गया और अगले दिन ट्रांजिट रिमांड पर श्रीनगर लाया गया। राठेर की निशानदेही पर पुलिस ने उसके पूर्व कार्यस्थल — एक मेडिकल कॉलेज — के लॉकर से एक एके-47 राइफल बरामद की।

पूछताछ में राठेर ने बताया कि मॉड्यूल के अन्य सदस्य फरीदाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर बड़ी मात्रा में विस्फोटक एकत्र कर रहे हैं। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई को गिरफ्तार किया, जो उस समय पुलवामा में अपनी बहन की शादी में शामिल होने आया हुआ था। गनई की निशानदेही पर फरीदाबाद में उसके किराए के कमरे से 2900 किलोग्राम विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थ बरामद किए गए।

अधिकारियों ने बताया कि गनई फरीदाबाद के एक अस्पताल में कार्यरत था, जहां दिल्ली लाल किला विस्फोट का मुख्य आरोपी डॉ. उमर नबी भी काम करता था। पुलिस को शक है कि ये सभी डॉक्टर जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क के तहत सक्रिय थे और राष्ट्रीय राजधानी में हुए विस्फोट की साजिश में शामिल थे।

एसएचओ मीर मसर्रत आलम की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के चलते न केवल इस बड़े मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ, बल्कि दिल्ली विस्फोट मामले की जांच में भी अहम सुराग मिले। अधिकारियों ने बताया कि आलम को अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) बुलाया गया है ताकि वह इस मामले में आगे की जांच में मदद कर सकें।

इस बीच, कश्मीर घाटी में जांच और तेज कर दी गई है। पुलिस ऐसे सभी व्यक्तियों पर नजर रख रही है जिनके इस नेटवर्क से संबंध होने की संभावना है। अब तक दर्जनों लोगों से पूछताछ की जा चुकी है, जिनमें राठेर, गनई और उमर नबी से जुड़े कई चिकित्सक शामिल हैं।

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