कटिहार जिले की कदवा विधानसभा सीट से विधायक खान ने अपने क्षेत्र में ‘पीटीआई-वीडियो’ से बातचीत में कहा, “मुझे लगता है कि ओवैसी की राजनीतिक सोच मूल रूप से त्रुटिपूर्ण है। भारत एक बहुलतावादी समाज है और महागठबंधन इस विचार को राजनीति में भी प्रतिबिंबित करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन ओवैसी क्या कर रहे हैं? उन्हें अब ‘वोट कटवा’ के रूप में देखा जाता है।”
वह यह बयान 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम के प्रदर्शन और इस बार संभावित असर को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में दे रहे थे। वर्ष 2020 में ओवैसी की पार्टी ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन बाद में अधिकांश विधायक महागठबंधन में शामिल हो गए।
खान ने आगे कहा, “मुझे समझ नहीं आता कि इसे ओवैसी की चालाकी कहें या उनका राजनीतिक भ्रम। वह अपने गृह राज्य तेलंगाना में कभी सभी सीटों पर चुनाव नहीं लड़ते, लेकिन बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में उम्मीदवार उतारना पसंद करते हैं। उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने क्या हासिल किया? सिर्फ योगी आदित्यनाथ को सत्ता में बनाए रखने में मदद की। लोग अब यह सब समझ चुके हैं।”
दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट पर प्रतिक्रिया देते हुए खान ने कहा कि यह घटना बेहद निंदनीय है और गृहमंत्री अमित शाह को इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, “ऐसी घटनाएं रोकना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। अब जब यह दुखद हादसा हो चुका है, दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
खान ने कहा कि वे किसी भी विभाजनकारी राजनीति में विश्वास नहीं करते जो समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करे।
बिहार विधानसभा चुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि मतदान का उच्च प्रतिशत इस बात का संकेत है कि ‘‘लोग बदलाव के लिए वोट कर रहे हैं’’ और महागठबंधन ‘‘अगली सरकार बनाएगा’’।
जब उनसे पूछा गया कि अगर महागठबंधन की सरकार बनने पर किसी मुस्लिम को उपमुख्यमंत्री बनाया जाए तो क्या वे इस भूमिका के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने कहा, “यह निर्णय पार्टी नेतृत्व का होगा। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा ने इस चुनाव में जबरदस्त प्रचार किया है और सकारात्मक माहौल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।”
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