अहमदाबाद, 9 नवंबर : गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने एक बड़े आतंकवादी हमले की साजिश का पर्दाफाश करते हुए एक डॉक्टर समेत तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। एटीएस ने इनके पास से हथियार, कारतूस और ‘रिसिन’ जैसे घातक रसायन बनाने की सामग्री बरामद की है।
गुजरात एटीएस के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) सुनील जोशी ने रविवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में तेलंगाना निवासी डॉक्टर अहमद मोहिउद्दीन सैयद और उत्तर प्रदेश के दो युवक—आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहैल मोहम्मद सलीम शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि ये लोग पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भेजे जा रहे हथियारों की खेप प्राप्त कर भारत में आतंकी घटनाएं अंजाम देने की साजिश रच रहे थे।
डीआईजी जोशी ने बताया कि 7 नवंबर को गांधीनगर के अडालज क्षेत्र में छापेमारी के दौरान डॉ. सैयद को गिरफ्तार किया गया। तलाशी में उसके पास से दो ग्लॉक पिस्तौल, एक बेरेटा पिस्तौल, 30 कारतूस और अरंडी का चार लीटर तेल बरामद हुआ। पूछताछ में सैयद ने स्वीकार किया कि वह एक बड़ा आतंकी हमला करने की तैयारी में था और हथियारों को गांधीनगर जिले के कलोल क्षेत्र से जुटाया था।
अधिकारी ने बताया कि सैयद का आका अबू खदीजा, अफगानिस्तान का निवासी है और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) से जुड़ा हुआ है। वह पाकिस्तान के कई आतंकी नेटवर्क के संपर्क में भी रहा है। जोशी के अनुसार, “सैयद चीन से एमबीबीएस की डिग्री लेकर आया है। उसने ‘रिसिन’ नाम के एक घातक जैविक जहर को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। उसके पास प्रयोगशाला उपकरण और कच्चा माल मिला है।”
उन्होंने कहा कि सैयद कट्टरपंथ से प्रभावित था और वह धन इकट्ठा करने और नए युवाओं की भर्ती की योजना बना रहा था। एटीएस ने उसके मोबाइल फोन से मिली जानकारियों के आधार पर उसके दो सहयोगियों को भी बनासकांठा जिले से गिरफ्तार किया।
डीआईजी जोशी ने बताया कि आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहैल सलीम ने राजस्थान के हनुमानगढ़ से हथियार लाकर सैयद को दिए थे। जांच में यह भी सामने आया कि तीनों ने लखनऊ, दिल्ली और अहमदाबाद के संवेदनशील स्थलों की रेकी की थी।
अधिकारी ने कहा, “पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका हैंडल पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये हथियार भेजता है। उन्होंने भारत में आतंकी हमलों के लिए योजनाएं तैयार की थीं।”
तीनों आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), भारतीय दंड संहिता और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। अदालत ने डॉ. सैयद को 17 नवंबर तक एटीएस की हिरासत में भेजा है, जबकि दो अन्य को रविवार को अदालत में पेश किया गया।
जोशी ने बताया कि फिलहाल यह जांच का विषय है कि क्या आरोपी सीधे तौर पर आईएसकेपी से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात एटीएस अन्य राज्यों की एजेंसियों के साथ मिलकर इस मामले की अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय कड़ियों की जांच कर रही है।
