उन्नाव, 6 नवंबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को उन्नाव के सरस्वती मेडिकल कॉलेज में छापा मारा। इसके बाद कॉलेज परिसर में इमरजेंसी को छोड़कर सभी अन्य क्षेत्रों में लोगों का प्रवेश रोक दिया गया। ईडी की टीम ने प्राचार्य और स्टाफ के फोन और कॉलेज के प्रशासनिक रिकॉर्ड जब्त कर लिए।
यह कार्रवाई हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री और मार्कशीट मामले से जुड़ी है, जिसमें उन्नाव और लखनऊ स्थित सरस्वती कॉलेज भी शामिल हैं।
ईडी की टीम ने कॉलेज में अकाउंट सेक्शन, एडमिशन विभाग और प्रशासनिक रिकॉर्ड रूम की तलाशी ली और तीन घंटे तक प्रशासन से पूछताछ की। टीम कॉलेज के बैंक खातों, फीस रसीदों और फंड ट्रांसफर रिकॉर्ड की जांच कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी को संदेह है कि कॉलेज के माध्यम से फर्जी डिग्री और एडमिशन के नाम पर बड़ी रकम वसूली गई और उसे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया गया।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में ईडी की अलग-अलग टीमें इस मामले की संपूर्ण जांच के तहत 15 स्थानों पर रेड कर रही हैं। सबसे बड़ी कार्रवाई हापुड़ स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी और उसके चेयरपर्सन विजेंद्र हुड्डा के ठिकानों पर की जा रही है।
मामले की पृष्ठभूमि में, पहले विशेष जांच टीम (SIT) ने सरस्वती मेडिकल कॉलेज में फर्जी एमबीबीएस डिग्री और एडमिशन में अनियमितताओं का पता लगाया था। उसी रिपोर्ट के आधार पर अब ईडी ने वित्तीय लेन-देन और मनी ट्रेल की जांच शुरू की है।
छापेमारी के दौरान कॉलेज परिसर में अफरा-तफरी मची रही और मीडिया को प्रवेश नहीं दिया गया। स्थानीय पुलिस ने कॉलेज के मुख्य गेट और आसपास के रास्ते बंद कर दिए। ईडी की टीम देर शाम तक कॉलेज में जांच जारी रख सकती है।
यदि जांच में फर्जी डिग्री, रजिस्ट्रेशन और फीस ट्रांजैक्शन में अनियमितताएं पाई जाती हैं, तो कॉलेज प्रशासन और संबंधित ट्रस्ट के खिलाफ PMLA के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
