आवारा कुत्तों पर कार्रवाई में लापरवाही पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्यों के मुख्य सचिवों ने मांगी माफी — 7 नवंबर को अगली सुनवाई v

 

देशभर में बढ़ते आवारा कुत्तों के हमलों को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया था। कोर्ट ने पूछा था कि अब तक इस गंभीर समस्या पर प्रभावी कदम क्यों नहीं उठाए गए।

सुनवाई के दौरान कई राज्यों के मुख्य सचिवों ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर माफी मांगी और कहा कि वे अदालत के निर्देशों का पूरी तरह पालन करेंगे।कोर्ट ने इस मुद्दे को “जनजीवन से जुड़ा संवेदनशील मामला” बताया और कहा कि नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है।

न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे सड़कों पर घूम रहे खतरनाक और आक्रामक कुत्तों की पहचान, टीकाकरण और नसबंदी जैसी योजनाओं को तेजी से लागू करें। कोर्ट ने कहा कि पशु संरक्षण और जनसुरक्षा के बीच संतुलन बनाना जरूरी है, ताकि न तो जानवरों के अधिकारों का उल्लंघन हो और न ही आम जनता को खतरा झेलना पड़े।इस मामले में कई राज्यों पर यह आरोप था कि उन्होंने कोर्ट के पहले के आदेशों का पालन नहीं किया, जिसके कारण लगातार हमलों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।

न्यायालय ने इस पर नाराजगी जताते हुए राज्यों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है कि अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।अब सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 7 नवंबर को तय की है। उस दिन यह देखा जाएगा कि राज्यों ने क्या ठोस कार्रवाई की है। अदालत ने स्पष्ट संकेत दिया है कि यदि लापरवाही पाई गई तो क

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